शहीद ज़िनाइदा पोरत्नोवा

शहीद ज़िनाइदा पोरत्नोवा 
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100 नाज़ियों को ज़हर देने वाली लड़की — 
ज़िनाइदा का घातक बदला...💀🔥

केवल 16 साल की उम्र में ज़िनाइदा पोरत्नोवा के पास कोई हथियार नहीं था। लेकिन उसके पास उम्र से कहीं ज़्यादा हिम्मत थी।

बेलारूस की यह युवा लड़की द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भूमिगत प्रतिरोध दल से जुड़ी, जहाँ वह चुपचाप दुश्मनों के बीच रहते हुये उनके ख़िलाफ़ साज़िश रचती रही।

नाज़ी रसोई में काम करते हुए उसे आखिरकार मौका मिला। काँपते हाथों से लेकिन अडिग हौसले के साथ उसने जर्मन अधिकारियों के खाने में ज़हर मिला दिया।

कुछ ही घण्टों में 100 से ज़्यादा नाज़ी मर चुके थे, और एक किशोरी ने प्रतिरोध के इतिहास में सबसे साहसिक प्रहार किया था।

लेकिन किस्मत ने उसे नहीं छोड़ा। गेस्टापो ने ज़िनाइदा को पकड़ लिया और अंधेरे कमरे में पूछताछ के लिये घसीट लाया। उन्हें लगा यह बस एक डरी हुयी बच्ची है, जिसे तोड़ना आसान होगा।

पर जैसे ही नाज़ी अफ़सर उसे चिढ़ाने झुका, ज़िनाइदा ने मौका देखा - एक झटके में उसने उसकी पिस्तौल छीनी और सीधे उसके सिर में गोली मार दी।

वह आवाज़ केवल एक गोली की नहीं थी - 
वह विद्रोह की गूंज थी, जिसे कोई यातना नहीं दबा सकी।

वह भागी... आज़ादी की ओर... 

धड़कते दिल के साथ, चारों ओर हड़कम्प मच गया। भागते-भागते दो और नाज़ियों को उसने मार गिराया, लेकिन अन्ततः उसे दोबारा पकड़ लिया गया।

ज़िनाइदा पोरत्नोवा को बेहद क्रूरता से यातना देकर मार दिया गया,
पर उसकी कहानी ज़िन्दा रही —

पीढ़ियों तक फुसफुसायी जाने वाली एक दास्तान, उस लड़की की जिसने डर के साम्राज्य में सबसे निडर योद्धा बनना चुना...! 

 जय हो ज़िनाइदा पोरत्नोवा
 जय हो नारीत्व की 🙏💪
💐💐
🙏🙏
#VijetaMalikBJP

#HamaraAppNaMoApp

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