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Showing posts from August, 2021

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद सिंह

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हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद सिंह ***************************** मेजर ध्यानचंद सिंह (२९ अगस्त, १९०५ -३ दिसंबर, १९७९) भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे। भारत एवं विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाडड़ियों में उनकी गिनती होती है। वे तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे ( जिनमें १९२८ का एम्सटर्डम ओलोम्पिक, १९३२ का लॉस एंजेल्स ओलोम्पिक एवं १९३६ का बर्लिन ओलम्पिक)। उनकी जन्मतिथि को भारत में "राष्ट्रीय खेल दिवस" के के रूप में मनाया जाता है। उनके छोटे भाई रूप सिंह भी अच्छे हॉकी खिलाड़ी थे जिन्होने ओलम्पिक में कई गोल दागे थे। उन्हें हॉकी का जादूगर ही कहा जाता है। उन्होंने अपने खेल जीवन में 1000 से अधिक गोल दागे। जब वो मैदान में खेलने को उतरते थे तो गेंद मानों उनकी हॉकी स्टिक से चिपक सी जाती थी। उन्हें १९५६ में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बहुत से संगठन और प्रसिद्ध लोग समय-समय पर उन्हे 'भारतरत्न' से सम्मानित करने की माँग करते रहे हैं किन्तु अब केन्द्र में भारतीय जनता पार्ट

चन्द्र शेखर आज़ाद जी की ऐतिहासिक तस्वीर

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक  ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★  के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी  "महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद जी का पूर्ण चित्र"  विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ 🙏🙏 #पूर्ण_चित्र  चंद्रशेखर आजाद जी को अपनी फोटो खिंचवाने से बड़ी चिढ़ होती थी लिहाज़ा बार - बार उनकी एकाध फोटो ही हमारे आसपास घुमती रहती हैं।  आइए जानते हैं उस बेहद लोकप्रिय फोटो के बारे में जिसमें आजाद अपने मूंछों पर ताव देते नजर आते हैं।  काकोड़ी कांड के बाद अंग्रेज हाथ धोकर इस डाके में संलिप्त क्रांतिकारियों के पीछे पड़ गए थे। आजाद के साथियों की गिरफ्तारी का सिलशिला शुरू हो चुका था। चारों तरफ जासूसों का जाल बिछा हुआ था।  आजाद जासूसों से बचते - बचते किसी तरह झांसी पहुंचे। वहां उन्होंने रूद्रनारायण सिंह " मास्टर जी "

बीना दास जी

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बीना दास   ~~~~~~~~ पूरा नाम : बीना दास जन्म : 24 अगस्त, 1911 ई. जन्म भूमि : कृष्णानगर, बंगाल (आज़ादी से पूर्व) मृत्यु : 26 दिसम्बर, 1986 मृत्यु स्थान : ऋषिकेश, उत्तराखण्ड नागरिकता : भारतीय प्रसिद्धि : स्वतंत्रता सेनानी धर्म : हिन्दू जेल यात्रा ' : भारत छोड़ो आन्दोलन' के समय बीना दास को तीन वर्ष के लिये नज़रबन्द कर लिया गया था। शिक्षा : बी.ए. अन्य जानकारी : 1946 से 1951 तक बीना दास बंगाल विधान सभा की सदस्य रही थीं। गांधी जी की नौआख़ाली यात्रा के समय लोगों के पुनर्वास के काम में बीना ने भी आगे बढ़कर हिस्सा लिया था। संक्षिप्त परिचय ~~~~~~~~ बीना दास  भारत की महिला क्रांतिकारियों में से एक थीं। इनका रुझान प्रारम्भ से ही सार्वजनिक कार्यों की ओर रहा था। 'पुण्याश्रम संस्था' की स्थापना इन्होंने की थी, जो निराश्रित महिलाओं को आश्रय प्रदान करती थी। बीना दास का सम्पर्क 'युगांतर दल' के क्रांतिकारियों से हो गया था। एक दीक्षांत समारोह में इन्होंने अंग्रेज़ गवर्नर स्टनली जैक्सन पर गोली चलाई, लेकिन इस कार्य में गवर्नर बाल-बाल बच गया और बीना गिरफ़्तार क

अरुण जेटली जी

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अरुण जेटली ~~~~~~~ सभी देशवासियों के दिलों पर राज करने वाले पुर्व वित्त मंत्री श्रीअरुण जेट्ली जी को प्रथम पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि ! जनसंघ से शुरू हुआ था अरुण जेटली जी राजनैतिक सफ़र.. जानिये उनके बारे में वो बातें, जिससे शायद आप अनजान हों..... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता तथा पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते थे। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उनके पास वित्त जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय था तो वहीं उन्होंने रक्षा मंत्रालय का प्रभार भी संभाला था। उनकी गिनती प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बाद दूसरे नंबर के नेताओं के साथ होती थी। बतौर वित्त मंत्री जेटली ने आम बजट और रेल बजट को एकसाथ पेश करने की व्यवस्था लागू की। इतना ही नहीं, गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) को पूरे देश में लागू करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। बतौर वित्त मंत्री वो हमेशा कहते थे कि जिस तरह से बीमारी को जड़ से ठीक करने के लिए कई बार कड़वी दवा पीनी पड़ती है, ठीक वैसे ही देश की अर्थव्

नीरा आर्य जी

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नीरा आर्य ~~~~~~ ★ ज़रा याद करो कुर्बानी ★ 🌺🌹🙏🌹🌺 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए सुनो ये कहानी, जो लडे आज़ादी के लिए उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी ..... 🌺🌹🙏🌹🙏🌺 शहीदों, आज़ादी के मतवालों और देशभक्तों को इतनी यातनाएं दी गईं और नेहरू कहते थे कि सिर्फ चरखे से आजादी मिली? भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंदशेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, रौशन सिंह, आदि-आदि को नेहरू आतंकवादी लिखते हैं। आज़ादी के आज 71सालों के बाद भी उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिला, क्यों? सुभाष चन्द्र बोस की मौत एक राज़, उनके दस्तावेज तक सावर्जनिक नही किये गए, क्यों? सरदार वल्लभ भाई पटेल को 44 साल बाद भारत रत्न दिया गया, क्यों? सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की देशभक्त, आज़ादी की लड़ाई में गांधी जी की सहयोगी व योग्य बेटी मणिबेन पटेल को नेहरू ने पटेल के निधन के बाद दरकिनार कर दिया, क्यों? इतिहास में अकबर को महान व देशभक्तों व शहीदों को इतिहास से गायब कर दिया, क्यों? ऐसी बहुत सी बातें हैं, क्या-क्या कहें। चलिये एक कहानी बताती हूँ, नीरा आर्य की कहानी ...... " जेल में जब मेरे स्तन काटे गए !  स्वाध

शहीद शिवराम हरि राजगुरु जी

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शहीद शिवराम हरि राजगुरु जी ~~~~~~~~~~~~~~~~ 🌺🌹💐🙏💐🌹🌺 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी..... 🌺💐🌹🙏🌹💐🌺 भारत को गुलामी से मुक्त करवाने के लिए कई क्रांतिकारियों ने अपना जीवन हमारे देश के लिए कुर्बान किया है। इन्हीं क्रांतिकारियों के बलिदान की वजह से ही हमारा देश एक आजाद देश बन सका है। हमारे देश के क्रांतिकारियों के नामों की सूची में अनगिनत क्रांतिकारियों के नाम मौजूद हैं और इन्हीं क्रांतिकारियों के नामों में से एक नाम ‘राजगुरु’ जी का भी है, जिन्होंने अपने जीवन को हमारे देश के लिए समर्पित कर दिया था। बेहद ही छोटी सी आयु में इन्होंने अपने देश के लिए अपनी जिंदगी को कुर्बान कर दिया था और इनकी कुर्बानी को आज भी भारत वासियों द्वारा याद किया जाता है। राजगुरु जी के जीवन से जुड़ी जानकारी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ पूरा नाम : शिवराम हरि राजगुरु उप नाम : रघुनाथ, एम.महाराष्ट्र जन्म स्थान : पुणे, महाराष्ट्र, ब्रिटिश भारत जन्म तिथि : 24 अगस्त, 1908 मृत्यु तिथि : 23 मार्च, 1931 किस आयु में हुई मृत्यु : 22 वर्ष मृत्यु

कल्याण सिंह जी

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कल्याण सिंह जी ~~~~~~~~~ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह जी का शनिवार को निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार थे और लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती थे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी समेत भारतीय जनता पार्टी और दूसरे दलों के कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक और 23 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश का एलान किया है। कल्याण सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। कल्याण सिंह ने प्रखर हिन्दूवादी नेता के तौर पर उस समय अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, जब उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व था। कल्याण सिंह जी  ( 5 जनवरी 1932) भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके थे। इससे पहले वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। वो दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे। विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस होने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी थे। उत्तर प्रदेश के लो

एकनाथ रानाडे जी

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★ एकनाथ रानाडे ★ ~~~~~~~~~~~~ एकनाथ रानाडे - पुण्यतिथि 22 अगस्त 1980 स्वामी विवेकानंद शीला स्मारक (विवेकानंद रॉक मेमोरियल-कन्याकुमारी ) एवं विवेकानंद केंद्र के संस्थापक एकनाथजी रानडे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता थे। 1963 में स्वामी विवेकानन्द की जन्म शताब्दी मनायी गयी। इसी समय कन्याकुमारी में जिस शिला पर बैठकर स्वामी जी ने ध्यान किया था, वहाँ स्मारक बनाने का निर्णय कर श्री एकनाथ जी को यह कार्य सौंपा गया। इसके स्मारक के लिए बहुत धन चाहिए था। विवेकानन्द युवाओं के आदर्श हैं, इस आधार पर एकनाथ जी ने जो योजना बनायी, उससे देश भर के विद्यालयों, छात्रों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और धनपतियों ने इसके लिए पैसा दिया। इस प्रकार सबके सहयोग से बने स्मारक का उद्घाटन 1970 में उन्होंने राष्ट्रपति श्री वराहगिरि वेंकटगिरि से कराया था। 🌺🌹🙏🙏🌹🌺 एकनाथ रानडे (१९ नवम्बर १९१४ - २२ अगस्त १९८०) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता थे जिन्होने सन् १९२६ से ही संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया। कन्याकुमारी स्थित विवेकानन्द स्मारक शिला के निर्माण के

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस ~~~~~~~~~~~~ 🌺🙏🌺 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी .... 🌺🙏🌺 "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" .....यह सिर्फ़ नारा नहीं था। इस नारे ने देश में राष्ट्रभक्ति का ज्वार पैदा किया, जो भारत की आज़ादी का बड़ा आधार बना। इस नारे को भारत व समस्त भू मंडल पर प्रवाहित करने वाले, आजाद हिंद फ़ौज के संस्थापक, महान स्वतंत्रता सेनानी एवं माँ भारती के वीर सपूत नेताजी #SubhasChandraBose जी की जयंती पर सादर नमन। देश के प्रति आपका समर्पण एवं बलिदान अनंतकाल तक सभी को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। उनकी जयंती को #पराक्रमदिवस के रूप में मनाकर हमारे महान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उन्हें एक अभूतपूर्व श्रद्धांजलि दी है। 💐💐 🙏🙏 स्वतंत्रता अभियान के एक और महान क्रान्तिकारियो में सुभाष चंद्र बोस – Netaji Subhash Chandra Bose का नाम भी आता है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रिय सेना का निर्माण किया था। जो विशेषतः “आजाद हिन्द फ़ौज़” के नाम से प्रसिद्ध थी। सुभाष चंद्र ब

अमर बलिदानी मदनलाल ढींगरा जी

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अमर बलिदानी मदनलाल ढींगरा जी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बलिदान दिवस – 17 अगस्त 1909 🌺🙏🌺 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी .... 🌺🙏🌺 तेजस्वी तथा लक्ष्यप्रेरित लोग किसी के जीवन को कैसे बदल सकते हैं, मदनलाल ढींगरा इसका एक उदाहरण है। उनका जन्म अमृतसर में हुआ था। उनके पिता तथा भाई वहाँ प्रसिद्ध चिकित्सक थे। बी.ए. करने के बाद मदनलाल को उन्होंने लन्दन भेज दिया। वहाँ उनहे क्रान्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा स्थापित ‘इण्डिया हाउस’ में एक कमरा मिल गया। उन दिनों विनायक दामोदर सावरकर भी वहीं थे। 10 मई, 1908 को इण्डिया हाउस में 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम की अर्द्धशताब्दी मनायी गयी। उसमें बलिदानी वीरों को श्रधांजलि दी गयी तथा सभी को स्वाधीनता के बैज भेंट दिये गये। सावरकर जी के भाषण ने मदनलाल के मन में हलचल मचा दी थी। अगले दिन बैज लगाकर वह जब कॉलेज गए, तो किसी बात पर कुछ अंग्रेज छात्र उनसे मारपीट करने लगे। ढींगरा का मन बदले की आग में जल उठा। उसने वापस आकर सावरकर जी को सब बताया। उन्होंने पूछा, क्या तुम कुछ कष्ट उठा सकते हो ? म