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Showing posts from February, 2019

गोधरा कांड

गोधरा काण्ड ~~~~~~~ 27 फरवरी 2002 को अयोध्या से गुजरात आ रही साबरमती एक्सप्रेस नामक ट्रेन में मुसलमानों की एक हिंसक भीड़ ने आग लगा दी थी जिसमें जलकर 59 हिंदू कारसेवक मारे गए थे.... रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दंगों की शुरुआत मुसलमानों ने ही की थी। बताया जाता है की अयोध्या से आने वाली इस ट्रेन में जिन हिंदू कारसेवकों को जला कर मारा गया था बाद में उन्हीं की जली हुई लाशों को जब उनके घर पहुंचाया गया था, तब हिंदुओं से अपनों की ऐसी हालत नहीं देखी गई और उनमे आक्रोश फैल गया और यही से गुजरात दंगों की शुरुआत हुई। इन दंगों में हिन्दू, मुसलमान द्वारा ना केवल सरकारी वस्तुओं को ही नुकसान पहुंचाया गया बल्कि इंसानियत तो मानो उन दिनों गुजरात में खत्म ही हो गई हो। इन दंगों में ऐसा नहीं है की केवल मुसलमान ही मारे गए हो बल्कि कई हिंदुओं की भी जान इस रोष में गई। इन दंगों में करीब 254 हिंदू मरे तो दूसरी तरफ 790 मुसलमान मारे गए। इस गुजरात के दंगे - गोधरा कांड की शुरुआत ट्रेन हत्याकांड से ही हुई थी और उसी वारदात की जांच कोर्ट में चली, जिसमें पकड़े गये 5 में से 2 लोगों को दोषी ठहराया गया, जिन्होंने हिन्दुओं को

स्वदेशी अपनाइये - देश बचाइये

दोस्तों,   चीन आतंकवाद की मां है, आतंकवादी के साथ साथ उसकी मां को मारो, आतंकवादी पैदा ही नहीं होंगे । पुलवामा काण्ड के बाद से देश के व्यापारी अपने लाभ हानि को छोड़कर देश और सेना के साथ खड़े नजर आ रहे हैं । नोएडा के व्यापारियों ने 150 करोड़ के चाइना मॉल के ऑर्डर क्या कैन्सल कर दिये कि उसी दिन शाम तक केवल एनसीआर से लगभग 1500 करोड़ के आर्डर रद्द हो गए। अब चीन की बौखलाहट देखिये, पुरे देश से लगभग 2 अरब डॉलर का ऑर्डर कैन्सल हुआ है । इस पर चीन की सरकारी एजेंसी सिन्हुआ ने प्रेस में अपने राष्ट्पति से दिल्ली पर लगाम लगाने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। अभी तो 2 अरब डॉलर के आर्डर पर यह हाल है जिस दिन 62 अरब डॉलर बन्द होगा तब क्या होगा। चीन इसी पैसे को पाकिस्तान को लोन देने व वहां विकास का ढांचा तैयार करने में लगा हुआ है । सयुंक्त राष्ट्र संघ में, मसूद अजहर पर बार-बार वीटो करने वाले चीन को हमारे देश के व्यापारियों ने घुटने के बल पर ला दिया वह भी बिना सरकारी आह्वाहन के। अब अगर हम लोग भी चीन के सामान की खरीदारी ही बन्द कर दे तो व्यापारी बेचेंगे ही नही। सेना के जवानों की रक्षा के लिए चीन के सामान

लोकदेवता कल्ला जी राठौड़

लोकदेवता कल्ला जी राठौड़ ~~~~~~~~~~~~~~~ बलिदान दिवस – 24 फरवरी राजस्थान में अनेक वीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया, जिससे उनकी छवि लोकदेवता जैसी बन गयी। कल्ला जी राठौड़ ऐसे ही एक महामानव थे। उनका जन्म मेड़ता राजपरिवार में आश्विन शुक्ल 8, विक्रम संवत 1601 को हुआ था। इनके पिता मेड़ता के राव जयमल के छोटे भाई आसासिंह थे। भक्तिमती मीराबाई इनकी बुआ थीं। कल्ला जी की रुचि बचपन से सामान्य शिक्षा के साथ ही योगाभ्यास, औषध विज्ञान तथा शस्त्र संचालन में भी थी। प्रसिद्ध योगी भैरवनाथ से इन्होंने योग की शिक्षा पायी। इसी समय मुगल आक्रमणकारी अकबर ने मेड़ता पर हमला किया। राव जयमल के नेतृत्व में आसासिंह तथा कल्ला जी ने अकबर का डटकर मुकाबला किया; पर सफलता न मिलते देख राव जयमल अपने परिवार सहित घेरेबन्दी से निकल कर चित्तौड़ पहुँच गये। राणा उदयसिंह ने उनका स्वागत कर उन्हें बदनौर की जागीर प्रदान की। कल्ला जी को रणढालपुर की जागीर देकर गुजरात की सीमा से लगे क्षेत्र का रक्षक नियुक्त किया। कुछ समय बाद कल्ला जी का विवाह शिवगढ़ के राव कृष्णदास की पुत्री कृष्णा से तय हुआ। द्वाराचार के समय जब उ

पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट

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बाजीराव बल्लाल भट्ट ~~~~~~~~~~~ बाजीराव का परिचय : पेशवा बाजीराव का जन्म 18 अगस्त सन् 1700 को एक भट्ट परिवार में पिता बालाजी विश्वनाथ और माता राधाबाई के घर में हुआ था। उनके पिताजी छत्रपति शाहू के प्रथम पेशवा थे। बाजीराव का एक छोटा भाई भी था चिमाजी अप्पा। बाजीराव अपने पिताजी के साथ हमेशा सैन्य अभियानों में जाया करते थे।   पेशवा बाजीराव की पहली पत्नी का नाम काशीबाई था जिसके 3 पुत्र थे- बालाजी बाजी राव, रघुनाथ राव जिसकी बचपन में भी मृत्यु हो गई थी। पेशवा बाजीराव की दूसरी पत्नी का नाम था मस्तानी, जो छत्रसाल के राजा की बेटी थी। बाजीराव उनसे बहुत अधिक प्रेम करते थे और उनके लिए पुणे के पास एक महल भी बाजीराव ने बनवाया जिसका नाम उन्होंने 'मस्तानी महल' रखा। सन 1734 में बाजीराव और मस्तानी का एक पुत्र हुआ जिसका नाम कृष्णा राव रखा गया था।   पेशवा बाजीराव, जिन्हें बाजीराव प्रथम भी कहा जाता है, मराठा साम्राज्य के एक महान पेशवा थे। पेशवा का अर्थ होता है प्रधानमंत्री। वे मराठा छत्रपति राजा शाहू के 4थे प्रधानमंत्री थे। बाजीराव ने अपना प्रधानमंत्री का पद सन् 1720 से

अमर बलिदानी मदनलाल ढिंगरा

अमर बलिदानी मदनलाल ढींगरा ~~~~~~~~~~~~~~~~~ 18 फरवरी – जन्मदिवस क्रांतिवीर मदनलाल ढींगरा. लंदन में जा कर क्रूर कर्जन वाइली का वध किया और वहीं श्रीमद्भागवत गीता ले कर झूल गए थे फाँसी ........ जरा खुद से सोचिये कि हमको क्या क्या पढाया गया और हम क्या क्या पढ़ते रहे .. पढाया गया कि बदले अगर कहीं कहीं रटाया गया शब्द प्रयोग किया जाय तो निश्चित रुप से कुछ गलत नहीं माना जायेगा क्योंकि बिना खड्ग बिना ढाल के आज़ादी आना एक दिवस्वप्न ही होगा.. भारत को आज़ाद करवाने के लिए बलिवेदी पर चढ़ गए तमाम ज्ञात व अज्ञात वीरों की अंतहीन श्रृंखला में आज जन्मदिवस है उस महान क्रांतिकारी का जिसने ब्रिटिश धरती पर ही एक ब्रिटिश अत्याचारी का वध कर के भारत के शौर्य का वो परचम फहराया था जो आज तक ब्रिटिश लोगों को अक्षरशः याद है, भले ही भारत की सेकुलर और तथाकथित अहिंसावादी नीति के चलते उनको कुछ लोगों के प्रभाव में विस्मृत कर दिया गया हो.... ना जाने कितने फांसी पर झूले थे, कितनो ने गोलियां खाई थी क्यों झूठ बोलते हो कि चरखे से आजादी पाई थी। शहीद मदन लाल ढींगरा जन्म 18 फरवरी, 1883 फांसी 17 अगस्त, 1909 स्थान लंदन ..... भारत

छत्रपति शिवाजी राजे

छत्रपति शिवाजी महाराज ~~~~~~~~~~~~~ मुगलों की ताकत को जिसने तलवारों पर तोला था, बोली हर हर महादेव की बच्चा बच्चा बोला था ..... ★ छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 🚩 शिवाजी महाराज भारतीय शासक और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी महाराज एक बहादुर, बुद्धिमान और निडर शासक थे। धार्मिक अभ्यासों में उनकी काफी रूचि थी। रामायण और महाभारत का अभ्यास वे बड़े ध्यान से करते थे। पूरा नाम   – शिवाजी शहाजी भोसले जन्म        – 19 फरवरी, 1630 जन्मस्थान – शिवनेरी दुर्ग (पुणे) पिता         – शहाजी भोसले माता         – जिजाबाई शहाजी भोसले विवाह       – सइबाई के साथ मृत्यु          – 4 अप्रैल, 1627 छत्रपती शिवाजी महाराज – ~~~~~~~~~~~~~~ शाहजी भोंसले की पत्नी जीजाबाई (राजमाता जिजाऊ)की कोख से शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। शिवनेरी दुर्ग पूना (पुणे) से उत्तर की तरफ़ जुन्नार नगर के पास था। उनका बचपन राजा राम, संतों तथा रामायण, महाभारत की कहानियों और सत्संग में बीता। वह सभी कलाओ में माहिर थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी। उनके पिता शहाजी भोसल