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Showing posts from March, 2018

चौधरी बंसीलाल

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चौधरी बंसीलाल ~~~~~~~~~ श्री बंसीलाल; हरियाणा के भिवानी जिले के गोलागढ़ गांव के जाट परिवार में जन्मे इस हरियाणा के कद्दावर नेता को आज भी लोग सम्म्मान के साथ याद करते हैं। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी ज़िले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था बंसीलाल के पिता बच्चों की अधिक शिक्षा के पक्ष में नहीं थे। इसीलिए थोड़ी आरम्भिक शिक्षा के बाद 14 वर्ष की उम्र में ही बंसीलाल को अनाज के व्यापार में जोत दिया गया। पिता की अनुमति न मिलने पर भी बंसीलाल ने अध्ययन जारी रखा और 1952 तक प्राइवेट परीक्षाएँ देते हुए बी.ए. पास कर लिया। फिर उन्होंने 1956 में पंजाब विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री ले ली। भिवानी में वकालत करते हुए बंसीलाल पिछड़े हुए किसानों के नेता बन गए। बंसीलाल ने कांग्रेस की अनेक स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया और 31 मई 1968 को वह 41 वर्ष की आयु में सबसे कम उम्र के राज्य के मुख्यमंत्री बने, उस समय किसी ने भी, यहां तक कि उनके राजनितिक गुरुओं ने भी कल्पना नहीं की कि वह देश के सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक बन के उभरेंगे। उन्होंने हरियाणा के राजनीतिक

पंडित कांशीराम

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पंडित कांशीराम ~~~~~~~~~ पंडित कांशीराम ग़दर पार्टी के प्रमुख नेता और देश की स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे। पंडित कांशीराम का जन्म 1883 ई. में पंजाब के अंबाला ज़िले में हुआ था। मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने तार भेजने प्राप्त करने का काम सीखा और कुछ दिन अंबाला और दिल्ली में नौकरी की। इसके बाद वे अमेरिका चले गए। यहीं से उनका क्रांतिकारी जीवन आरंभ होता है। आजीविका के लिए पंडित कांशीराम ने ठेकेदारी का काम किया। साथ ही वे 'इंडियन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका' और 'इंडियन इंडिपैंडेंट लीग' में शामिल हो गए। उनके ऊपर लाला हरदयाल का बहुत प्रभाव पड़ा। वे संगठन भारत को अंग्रेजों की चुंगल से छुड़ाने के लिए बनाए गए थे। 1913 में पंडित कांशीराम ‘ग़दर पार्टी’ के कोषाध्यक्ष बन गए। जिस समय यूरोप में प्रथम विश्वयुद्ध के बादल मंडरा रहे थे, ग़दर पार्टी ने निश्चय किया कि कुछ लोगों को अमेरिका से भारत वापस जाना चाहिए। वे वहां जाकर भारतीय सेना में अंग्रेजों के विरुद्ध भावनाएँ भड़काएँ। इसी योजना के अंतर्गत पंडित कांशीराम भी भारत आए। उन्होंने सेना की कई छावनियों की यात्रा की और सै

Narendra Modi App

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मेरे दोस्तों, मेरे सहयोगियों, मेरे साथियों, मैने बहुत समय पहले अपने मोबाइल में  "NARENDER  MODI APP"  और  "MyGov App"  डाऊनलोड किया था। इसके द्वारा मैंने हमारे महान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व हमारी भारतीय जनता पार्टी द्वारा, हमारे महान भारत देश व देश के लोगो के लिये किये गये, सभी अच्छे कार्यो को आप सब तक पहुँचाया और  इन जानकारियों से आप सबको भी किसी ना किसी रूप में लाभ मिला तथा समय-समय पर आप सबने मेरे इस प्रयास को सराहा भी हैं। इसकी मुझे बहुत ख़ुशी हैं। शायद इसी वजह से हर सोशल मीडिया पर मुझे ढ़ेर सारी लाइक व फॉलोवर्स मिले हैं क्योंकि ये सब लोग ये जानते व समझतें हैं कि नरेन्द्र मोदी जी एक ईमानदार और मेहनती प्रधानमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में ही हमारा भारत देश महान व शक्तिशाली बन सकता हैं। Narendra Modi App से मिली जानकारी को अलग-अलग सोशल मीडिया पर लगातार शेयर करने की वज़ह से आज मेरे 5,00,000 (पाँच लाख) से भी ज़्यादा Points हो गए हैं, पर जो सबसे अच्छी बात हुई हैं तो वो ये की आज "Narendra Modi App" पर आप जैसे अच्छे, नेक व देशभक्त 4300 से भी ज्यादा लो

MyGov App & Narendra Modi App

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मेरे दोस्तों, मेरे सहयोगियों व मेरे साथियों, मैं बहुत दिनों से हमारे महान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के  MyGov App  व  Narendra Modi App के साथ जुड़ी हुई हूँ। इन दोनों App से मुझे जो भी जानकारी प्राप्त होती हैं, वो मैं लगातार आप सबसे साथ शेयर करती रहती हूँ। इसके द्वारा मैंने अपने महान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व हमारी भारतीय जनता पार्टी द्वारा, हमारे महान भारत देश व देश के लोगो के लिये किये गये सभी अच्छे कार्यो को आप सब तक पहुँचाया। साथ ही साथ इन दोनों App पर मैं हमेशा अपने कुछ विचार व सुझाव आदि भी रखती रहती हूँ। इसी वजह से मुझे MyGov. com के एक कार्यक्रम में हमारे महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से मिलने का मौका मिला व एक अन्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति भवन में हमारे महान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी से मिलने का मौक़ा मिला। साथ ही साथ, इन कार्यक्रमों से व समय-समय पर मुझे प्रधानमंत्री कार्यालय से कुछ पुस्तकें भी प्राप्त हुई। इन सब वजह से मुझे बहुत-बहुत ख़ुशी मिली हैं। आज मैं इनसे सम्बंधित कुछ तस्वीरे आप सबसे शेयर कर रही हूँ....... अपनी पब्लिसिटी के लिए नही, बल्कि मैं चाह

राम मनोहर लोहिया

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राम मनोहर लोहिया ~~~~~~~~~~ राजनेता व स्वतंत्रता सेनानी जन्म : 23 मार्च, 1910, अकबरपुर, फैजाबाद निधन : 12 अक्टूबर, 1967, नई दिल्ली कार्य क्षेत्र : स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता राम मनोहर लोहिया एक स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर समाजवादी और सम्मानित राजनीतिज्ञ थे. राम मनोहर ने हमेशा सत्य का अनुकरण किया और आजादी की लड़ाई में अद्भुत काम किया. भारत की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और उसके बाद ऐसे कई नेता आये जिन्होंने अपने दम पर राजनीति का रुख़ बदल दिया उन्ही नेताओं में एक थे राममनोहर लोहिया। वे अपनी प्रखर देशभक्ति और तेजस्‍वी समाजवादी विचारों के लिए जाने गए और इन्ही गुडों के कारण अपने समर्थकों के साथ-साथ उन्होंने अपने विरोधियों से भी बहुत  सम्‍मान हासिल किया। बचपन और प्रारंभिक जीवन ~~~~~~~~~~~~~~~ राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था। उनकी मां एक शिक्षिका थीं। जब वे बहुत छोटे थे तभी उनकी मां का निधन हो गया था। अपने पिता से जो एक राष्ट्रभक्त थे, उन्हें युवा अवस्था में ही विभिन्न रैलियों और विरोध सभाओं के माध्यम से भारत के स्वतंत्रता आंदोलनो

23 मार्च : भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव - शहीद दिवस

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23 मार्च : भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव - शहीद दिवस 23 मार्च यानि, देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों को हंसते-हंसते न्यौछावर करने वाले तीन वीर सपूतों का शहीद दिवस। यह दिवस न केवल देश के प्रति सम्मान और हिंदुस्तानी होने वा गौरव का अनुभव कराता है, बल्कि वीर सपूतों के बलिदान को भीगे मन से श्रृद्धांजलि देता है।  उन अमर क्रांतिकारियों के बारे में आम मनुष्य की वैचारिक टिप्पणी का कोई अर्थ नहीं है। उनके उज्ज्वल चरित्रों को बस याद किया जा सकता है कि ऐसे मानव भी इस दुनिया में हुए हैं, जिनके आचरण किंवदंति हैं। भगतसिंह ने अपने अति संक्षिप्त जीवन में वैचारिक क्रांति की जो मशाल जलाई, उनके बाद अब किसी के लिए संभव न होगी।  'आदमी को मारा जा सकता है उसके विचार को नहीं। बड़े साम्राज्यों का पतन हो जाता है लेकिन विचार हमेशा जीवित रहते हैं और बहरे हो चुके लोगों को सुनाने के लिए ऊंची आवाज जरूरी है।' ........... बम फेंकने के बाद भगतसिंह द्वारा फेंके गए पर्चों में यह लिखा था। भगतसिंह चाहते थे कि इसमें कोई खून-खराबा न हो तथा अंग्रेजों तक उनकी आवाज पहुंचे। निर्धारित योजना के अनुसार भगतसिंह तथा बटुकेश्व