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Showing posts from June, 2020

दादाभाई नौरोजी

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दादाभाई नौरोजी ~~~~~~~~~ प्रखर देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, एक प्रारंभिक भारतीय राजनीतिक नेता एवं धन निकासी सिद्धांत के प्रणेता तथा "द ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया" #दादा_भाई_नौरोजी जी की #जयंती पर उन्हें शत शत नमन ! दादाभाई नौरोजी भारतीय इतिहास के एक महान व्यक्ति के नाम से जाने जाते है। वे एक पारसी बुद्धिजीवी व्यक्ति, शिक्षप्रेमि, कॉटन के व्यापारी और साथ ही भारतीय स्वतंत्रता अभियान के महान राजनितिक नेता भी थे। पूरा नाम    – दादाभाई पालनजी नौरोजी जन्म        – 4 सितंबर 1825 जन्मस्थान – बम्बई पिता        – पालनजी दोर्डी नौरोजी माता        – माणिकबाई शिक्षा       – 1845 में बंम्बई के एलफिन्स्टन विश्वविद्यालय से उपाधि संपादन की। विवाह      – गुलाबी जी के साथ। मृत्यु         - 30 जून 1917 दादाभाई नौरोजी जीवन परिचय ~~~~~~~~~~~~~~~~~ नौरोजी का जन्म मुम्बई में हुआ और उन्होंने Elphinstone College से शिक्षा ग्रहण की। उनकी कुशलता को निहारते हुए बरोदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने उन्हें 1874 में अपने साम्राज्य का दीवान बनाया। नौरोजी महाराजा द्वारा दिए गए

वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी

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वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी ~~~~~~~~~~~~~~ वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी, .... हम पढ़े लिखो से प्राकर्तिक रूप से महान थी ..... जो हम सबको बहुत डाँटती थी - कहती थी ......  “नल धीरे खोलो... पानी बदला लेता है! अन्न नाली में न जाए, नाली का कीड़ा बनोगे !           सुबह-सुबह तुलसी जी पर जल चढाओ,            बरगद पूजो,            पीपल पूजो,           आँवला पूजो,          नीम की टहनी से मंजन करो !       मुंडेर पर चिड़िया के लिए पानी रखा कि नहीं ?       हरी सब्जी के छिलके गाय के लिए अलग बाल्टी में डालो।   अरे कांच टूट गया है। उसे अलग रखना। कूड़े की बाल्टी में ना डालना, कोई जानवर मुँह ना मार दे।       .. ये हरे छिलके कूड़े में किसने डाले, कही भी जगह नहीं मिलेगी........       वह पीढ़ी इतनी पढ़ी-लिखी नहीं थी फिर भी  पर्यावरण की चिंता करती थी, मैं भी अपने बुजुर्गो की प्रथा निभाउंगी,  अपने जीवन को सफल बनाऊंगी। आप भी ऐसा ही कीजिए। धन्यवाद। 🙏🙏 #VijetaMalikBJP

श्री छत्रपति शाहू जी महाराज

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श्री छत्रपति शाहूजी महाराज ~~~~~~~~~~~~~~~ छत्रपति साहू महाराज (जन्म- 26 जून 1874; मृत्यु- 6 मई, 1922, मुम्बई) को एक भारत में सच्चे प्रजातंत्रवादी और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता था। वे कोल्हापुर के इतिहास में एक अमूल्य मणि के रूप में आज भी प्रसिद्ध हैं। छत्रपति साहू महाराज ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने राजा होते हुए भी दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और सदा उनसे निकटता बनाए रखी। उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी। गरीब छात्रों के छात्रावास स्थापित किये और बाहरी छात्रों को शरण प्रदान करने के आदेश दिए। साहू महाराज के शासन के दौरान 'बाल विवाह' पर ईमानदारी से प्रतिबंधित लगाया गया। उन्होंने अंतरजातिय विवाह और विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में समर्थन की आवाज उठाई थी। इन गतिविधियों के लिए महाराज साहू को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। साहू महाराज ज्योतिबा फुले से प्रभावित थे और लंबे समय तक 'सत्य शोधक समाज', फुले द्वारा गठित संस्था के संरक्षण भी रहे। जीवन परिचय ~~~~~~~~ छत्रपति साहू महाराज का जन्म 26 जून, 1874 

बंकिम चन्द्र चटोपाध्याय

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बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ~~~~~~~~~~~~ महाकवि बांग्ला साहित्य वन्दे मातरम् के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (जन्म : २७ जून १८३८ - मृत्यु : ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है। आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे। जीवनी ~~~~ बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म उत्तरी चौबीस परगना के कंठालपाड़ा, नैहाटी

फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ

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फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ~~~~~~~~~~~~~~ क्या इन्हें जानते हैं आप ?? 👉 भारत के सबसे जांबाज़ सेनापतियों में से एक #फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ.. 👉 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को धूल चटाने वाली भारतीय फौज के #सेनापति.. 👉 लौह महिला और कठोर #प्रशासक मानी जाने वाली स्वर्गीय इंदिरा गांधी को भी जवाब देने की हिम्मत रखने वाले बहादुर #सेनानायक.. 👉 इनकी बहादुरी के किस्से दूसरे विश्व #युद्ध से लेकर भारत पाकिस्तान और भारत चीन के युद्ध में हर सैनिक की जुबान पर रहे हैं ... 👉 महान नेता और सेनानायक फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की आज 12वीं पुण्यतिथि है.. 👉 आइए महान #आत्मा को सलाम करें.. नमन करें... सैम मानेकशॉ कौन थे ? ~~~~~~~~~~~~ 3 अप्रैल, 1914 को सैम मानेकशॉ का जन्म अमृतसर, पंजाब में एक पारसी दम्पति के यहाँ हुआ, उनके पिता एक डॉक्टर थे। स्कूल की पढ़ाई ख़त्म करके वो अपने पिता की तरह डॉक्टर बनने के लिए लंदन जाना चाहते थे, पर उनके पिता ने इसकी अनुमति नहीं दी। पिता के इस फैसले के विद्रोह में उन्होंने इंडियन मिलिट्री अकादमी (आई.एम.ए) देहरादून की प्रवेश परीक्षा दी और उसमें सफल हुए। 4 फ

महाप्रभु जगन्नाथ (श्री कृष्ण) जी

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महाप्रभु जगन्नाथ (श्री कृष्ण) ~~~~~~~~~~~~~~~ महाप्रभु का महा रहस्य... सोने की झाड़ू से होती है सफाई... महाप्रभु जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को कलियुग का भगवान भी कहते है.... पुरी(उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है... मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है। लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को crpf की सेना चारो तरफ से घेर लेती है...उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता... मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है...पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है...पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालता है और नई मूर्ती में डाल देता है...ये ब्रह्म पदार्थ क्या है आजतक किसी को नही पता...इसे आजतक किसी ने नही देखा. ..हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है... ये एक अलौकिक पदार्थ है जिसको छूने मात्र से किसी इंसान के जिस्म के चिथड़े उड़ जाए... इस ब्रह

महाराजा रणजीत सिंह

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महाराजा रणजीत सिंह ~~~~~~~~~~~~ 13 वर्ष की उम्र में हशमत खां को मार कर पेशावर तक जीतने वाले शेर ए पंजाब “महाराजा रणजीत सिंह” जी ..... गौरवगाथा एक वीर योद्धा की जिन्हें इतिहास में नही मिला उचित सम्मान .... कम ही लोगों को पता होगा इस वीर बलिदानी के बारे में कि कितनी रक्तरंजित रही है भारत के पवित्र इतिहास की कहानी। भारत के उसी पावन इतिहास के स्वर्णिम अध्याय हैं, "भारत की शान महाराजा रणजीत सिंह जी" जिनकी आज पुण्यतिथि है। भले ही इन्हें "शेर-ए-पंजाब" की चर्चित उपलब्धि मिली हो लेकिन इन्हें "शेर-ए-हिन्दुस्तान" कहना भी गलत नही होगा। आईये जानते हैं उस महायोद्धा को और नमन करते हैं उन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर..... महाराजा रणजीत सिंह का नाम भारतीय इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। पंजाब के इस महावीर नें अपने साहस और वीरता के दम पर कई भीषण युद्ध जीते थे। रणजीत सिंह के पिता सुकरचकिया मिसल के मुखिया थे। बचपन में रणजीत सिंह चेचक की बीमारी से ग्रस्त हो गये थे, उसी कारण उनकी बायीं आँख दृष्टिहीन हो गयी थी। लेकिन इसको उन्होंने कभी भी अपनी कमजोरी नही

विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी "विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है" विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ 🙏🙏 #VijetaMalikBJP ★विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें, यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है★ एक दंतकथा , सावधानी से समझें :- *कालिदास बोले :-* माते पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा. *स्त्री बोली :-* बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय दो. मैं अवश्य पानी पिला दूंगी। *कालिदास ने कहा :-* मैं मेहमान हूँ, कृपया पानी पिला दें. *स्त्री बोली :-* तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं. पहला धन और दूसरा यौवन. इन्हें जाने में समय नहीं लगता. सत्य बताओ कौन हो तुम ? . (अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश तो ह

पीपल, बरगद, नीम वृक्ष लगाए - अपने आप को बचाए

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी "पीपल, बरगद, नीम वृक्ष लगाए - अपने आप को बचाए" विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ 🙏🙏 #VijetaMalikBJP ★पीपल, बरगद, नीम वृक्ष लगाए - अपने आप को बचाए★ 🌳*पिछले कई सालों में खासकर कांग्रेस राज में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया था* 🌳*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजार्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %* 🌳*जब कांग्रेस सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले विदेशी पेड़ यूकेलिप्टस आदि को लगाना शुरू कर दिया, जिसकी जड़े जमीन में बड़ी गहराई तक जाती हैं और जो जमीन को जल विहीन कर देता है* 🌳*आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है* 🌳*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही

सनातन धर्म और पीपल वृक्ष

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी "सनातन धर्म और पीपल वृक्ष" विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ 🙏🙏 #VijetaMalikBJP **सनातन धर्म और पीपल वृक्ष** ~~~~~~~~~~~~~~~~~ 🌳 पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक :- *मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच ।* *पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमोस्तुते ।।* 🌳 पुराणो में उल्लेखित है कि :- *मूलतः ब्रह्म रूपाय, मध्यतो विष्णु रुपिणः।* *अग्रतः शिव रुपाय, अश्वत्त्थाय नमो नमः।।* 🌳 अर्थात इसके मूल में भगवान ब्रह्मा, मध्य में भगवान श्री विष्णु तथा अग्रभाग में भगवान शिव का वास होता है। 🌳 हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी

महर्षि अगस्त्य

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महर्षि अगस्त्य ~~~~~~~~ जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आई, तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलाई, देता ना दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था, धरती और चाँद की दूरी का अंदाज़ा लगाना मुश्किल था, सभ्यता जहाँ पहले आई, पहले जन्मी है जहाँ पे कला, अपना भारत वो भारत है जिस के पीछे संसार चला, संसार चला और आगे बढ़ा, यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया, भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले फले, है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाती हूँ .. भारत का रहनेवाली हूँ, भारत की बात सुनाती हूँ .. .. ✍️.... निश्चित ही बिजली का आविष्कार बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने किया लेकिन बेंजामिन फ्रेंक्लिन अपनी एक किताब में लिखते हैं कि एक रात मैं संस्कृत का एक वाक्य पढ़ते-पढ़ते सो गया। उस रात मुझे स्वप्न में संस्कृत के उस वचन का अर्थ और रहस्य समझ में आया जिससे मुझे मदद मिली। महर्षि अगस्त्य एक वैदिक ऋषि थे। महर्षि अगस्त्य राजा दशरथ के राजगुरु थे। इनकी गणना सप्तर्षियों में की जाती है। ऋषि अगस्त्य ने 'अगस्त्य संहिता' नामक ग्रंथ की रचना की। आश्चर्यजनक रूप से इस

अशोक का पेड़

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी "अशोक का पेड़ (Saraca asoca)" विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ 🙏🙏 #VijetaMalikBJP अशोक का पेड़ (Saraca asoca) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ **जिस घर में होता है यह पेड़ वहां अकाल मृत्यु और चिंताएं प्रवेश नहीं कर पाती** अशोक का पेड़ (Saraca asoca) बहुत पवित्र व लाभकारी होता है। मान्यता है कि अशोक का वृक्ष जिस स्थान पर उगता है वहां दुःख और अशान्ति का नाश हो जाता है। इस पेड़ में औषधीय गुणों के साथ-साथ ज्योतिषिय गुण भी होते हैं। मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में अशोक के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। वास्तुनुसार अशोक का वृक्ष घर में लगाना अत्यंत लाभकारी है। - सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है एवं अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। - स

सच्चे देशभक्त बनिए - सिर्फ स्वदेशी वस्तुएं ही खरीदिए

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★सच्चे देशभक्त बनिए - सिर्फ स्वदेशी वस्तुएं ही खरीदिए★ चार चीनी मोबाइल तोडे और मीडिया में चेहरा दिखाया और हो गया "राष्ट्रवाद" ...... किसी दुश्मन देश की कमर तोड़नी हो तो दो काम करने चाहिए..... पहला यह कि उसकी अर्थव्यवस्था को चटका दें और दूसरा उस  देश के अंदर की समरसता को कमजोर कर दें...वह देश घुटनों पर होगा। चीन की ताकत उसकी सशक्त अर्थव्यवस्था रही है और विगत दस सालों में आर्थिक विकास के मद में बौराया चीन अपने हर पड़ोसी को धमका रहा है और पूरे साउथ चाइना पर एकाधिकार चाहता है। उसकी इस मंशा का असल रोड़ा सिर्फ भारत है। भारत से चीन के व्यापारिक रिश्ते ऐसे हैं कि उसने आयात-निर्यात में ही असुंतलन नहीं रखा बल्कि तमाम भारतीय उद्योगों को खा गया हैं। हमारे देश के 20 जवानों की शहादत पर चंद दिनों से कुछ व्यापारियों और कुछ लोगों का राष्ट्रवाद उबालें मार रहा है। घर में पड़े चार खराब चाइनीज़ फोन सड़क पर पटक कर चीन को उसकी औकात बता रहे है। चेहरा "बमबम चैनलों" पर चमक गया और हो गया विरोध। संक्षिप्त में  कुछ सच्चाई से अवगत कराने की जरूरत है।‌ चीन ने सबसे बड़

रानी दुर्गावती जी

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रानी दुर्गावती ~~~~~~~ ‪"चन्देलों की बेटी थी,‬ ‪गौंडवाने की रानी थी,‬ ‪चण्डी थी रणचण्डी थी,‬ ‪वह दुर्गावती भवानी थी।" ‬ ‪राज्य और धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाली साहस और पराक्रम की प्रतिमूर्ति, महान  #विरांगना_रानी_दुर्गावती ‬का  जन्म 5 अक्टूबर 1524 को उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में हुआ था। 1524 ईसवी की दुर्गाष्टमी पर जन्म के कारण उनका नाम दुर्गावती रखा गया। नाम के अनुरूप ही तेज, साहस, शौर्य और सुन्दरता के कारण इनकी प्रसिद्धि सब ओर फैल गयी थी । रानी दुर्गावती कालिंजर के राजा कीर्तिवर्मन (कीर्तिसिंह) चंदेल की एकमात्र संतान थीं। चंदेल लोधी राजपूत वंश की शाखा का ही एक भाग है। दुर्गावती को तीर तथा बंदूक चलाने का अच्छा अभ्यास था। चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी। उनके राज्य का नाम गोंडवाना था जिसका केन्द्र जबलपुर था। गढ़मंडल के जंगलो में उस समय एक शेर का आतंक छाया हुआ था। शेर कई जानवरों को मार चुका था। रानी कुछ सैनिको को लेकर शेर को मारने निकल पड़ी। रास्ते में उन्होंने सैनिको से कहा, ” शेर को मैं ही मारूंगी” शेर को ढूँढने में सुबह से शाम हो गई

पेड़ लगाओ - पर्यावरण बचाओ

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी "पेड़ लगाओ - पर्यावरण बचाओ" विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ 🙏🙏 #VijetaMalikBJP पेड़ लगाओ - पर्यावरण बचाओ  ~~~~~~~~~~~~~~~~~ पेड़ हवा, मिट्टी और पानी को शद्ध करने में बड़ी भूमिका निभाता है इस वजह से धरती को रहने के लिये एक बेहतर जगह बनाता है। लोग जो पेड़ों के पास रहते हैं वो आमतौर पर स्वस्थ और खुश रहते हैं। पूरे जीवन भर अपनी असीमित सेवा के द्वारा पेड़ हमारी बहुत मदद करता है। मानव होने के नाते, क्या हम कभी पेड़ों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को समझते हैं या केवल हम उसके फायदे का आनन्द लेते रहेंगे। पेड़ों को बचाना उसके प्रति दया दिखाना नहीं है बल्कि हम अपने जीवन के प्रति दया दिखाते हैं क्योंकि धरती पर बिना पेड़ के जीवन संभव नहीं है।

डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमय मौत

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कश्‍मीर पर ये प्‍लान था इस महान नेता का, हुई श्रीनगर में रहस्‍मयी मौत? ये सच छिपाया नेहरू ने? ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ डॉ. श्यामाप्रसाद मुख़र्जी की रहस्मयी मौत के तुरंत पश्चात् उस समय के तात्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने नम-नेत्रों से... डॉ. श्यामाप्रसाद मुख़र्जी की रहस्मयी मौत के तुरंत पश्चात् उस समय के तात्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने नम-नेत्रों से डॉ मुख़र्जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि, “ अपने सार्वजनिक जीवन में वह अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को एवं अपनी अंदरूनी प्रतिबद्धताओं को व्यक्त करने में कभी डरते नहीं थे। ख़ामोशी में कठोरतम झूठ बोले जाते हैं, जब बड़ी गलतियां की जाती हैं, तब इस उम्मीद में चुप रहना अपराध है कि एक-न-एक दिन कोई सच बोलेगा।” विडम्बना यह है कि तात्कालीन सत्ता के खिलाफ जाकर सच बोलने की जुर्रत करने वाले डॉ. मुखर्जी को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, और उससे भी बड़ी विडम्बना की बात ये है कि आज भी देश की जनता उनकी रहस्यमयी मौत के पीछे की सच को जान पाने में नाकामयाब रही है। डॉ. मुखर्जी इस प्रण पर सदैव अडिग रहे क

गलवान का पूरा 'सच'

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गलवान का पूरा 'सच' ~~~~~~~~~~~ गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। बताया जा रहा है कि उस दिन शाम में भारतीय सेना की 3 इंफेंट्री डिवीजन कमांडर और उनके चीनी समकक्ष के बीच सीमा विवाद को लेकर बातचीत हुई थी। जिसमें PP14 इलाके से चीन की पोस्ट हटाने पर सहमति बनी। इसके बाद भारतीय सुरक्षा बलों, जिनमें 16 बिहार रेजीमेंट भी शामिल थी, उन्हें कहा गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पोस्ट उक्त जगह से हट गई है या नहीं। इसके लिए एक पेट्रोल पार्टी भेजी गई। पोस्ट पर 10-12 चीनी सैनिक मौजूद थे और उन्हें भारतीय सैनिकों ने पोस्ट हटाने को कहा लेकिन चीनी सैनिकों ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस पर पेट्रोल पार्टी ने जब वापस आकर सैन्य अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद 16 बिहार के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में करीब 50 जवान पोस्ट पर गए। इसी दौरान जब भारतीय सेना की पेट्रोलिंग पार्टी वापस लौटी चीनी सैनिकों ने अपनी अन्य पोस्ट को इसकी खबर कर दी। जिसके बाद करीब 300-350 चीनी सैनिक वहां पहुंच गए। जैसे ही भार