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Showing posts from September, 2018

मादाम भीकाजी कामा

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🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳तिरंगे की प्रथम  #निर्माता_भीकाजी_कामा*🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ****पावन दिवस *** ******२४ सितंबर १८६१ *** 🇮🇳🇮🇳🇮🇳आज स्वतन्त्र भारत के झण्डे के रूप में जिस तिरंगे को हम प्राणों से भी अधिक सम्मान देते हैं, उसका पहला रूप बनाने और उसे जर्मनी में फहराने का श्रेय जिस स्वतन्त्रता सेनानी को है, उन मादाम भीकाजी रुस्तम कामा का जन्म मुम्बई के एक पारसी परिवार में 24 सितम्बर, 1861 को हुआ था। उनके पिता सोराबजी फ्रामजी मुम्बई के सम्पन्न व्यापारी थे। भीकाजी में बचपन से ही देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी थी। 1885 में भीकाजी का विवाह रुस्तमजी कामा के साथ हुआ; पर यह विवाह सुखद नहीं रहा। रुस्तमजी अंग्रेज शासन को भारत के विकास के लिए वरदान मानते थे, जबकि भीकाजी उसे हटाने के लिए प्रयासरत थीं। 1896 में मुम्बई में भारी हैजा फैला। भीकाजी अपने साथियों के साथ हैजाग्रस्त बस्तियों में जाकर सेवाकार्य में जुट गयीं। उनके पति को यह पसन्द नहीं आया। उनकी रुचि सामाजिक कार्यों में बिल्कुल नहीं थी। मतभेद बढ़ने पर मादाम कामा ने उनका घर सदा के लिए छोड़ दिया। अत्यधिक परिश्रम के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। अ

निकुंजबेन मोदी

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दोस्तों, इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखिये, ये तस्वीर उस वक़्त की हैं, जब नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 में ऐतेहासिक जीत दर्ज की, इस तस्वीर  में मार्क की गई लड़की को जानते हैं क्या आप ??? ये हैं निकुंजबेन मोदी ...... नरेन्द्र मोदी जी के बड़े भाई पहलाद मोदी जी की सुपुत्री और उनकी लाड़ली भतीजी। दुर्भाग्य तो देखिये कुछ समय पूर्व, काल इस बच्ची को निगल गया। हार्ट प्रॉब्लम के चलते इनकी मृत्यु हो गईं। जब इनकी बीमारी का पता चला मोदी जी G-20 सम्मेलन में थे। वापस आकर उन्होंने अपने बड़े भाई से निकुंजबेन के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि वो अब इस दुनिया में नही हैं। व्यस्त कार्यक्रम के चलते उनके पास इतना भी वक़्त नही था कि वे निकुंजबेन के अंतिम संस्कार में भी शामिल हो पाते, परन्तु कश्मीर पर हो रही उस वक़्त की बैठक में हम सभी ने देखा कि उनकी आँखे नम हैं, वे बार बार उन्हें पोंछते मगर रह-रह कर वे भीग ही जाती थी। 4 बार मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री का परिवार इस मुफ़लिसी और गरीबी में एक सामान्य सी ज़िन्दगी जी रहा हैं, और उसे एक राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष, चोर कह दे तो धिक्कार हैं उस पर। अरे जिसके पिता

आयुष्मान भारत बीमा योजना

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आयुष्मान भारत बीमा योजना ~~~~~~~~~~~~~~~~ आयुष्मान भारत योजना का फायदा किसे, कब, कैसे मिलेगा ? पढ़िए मेरे इस प्रयास को और जानिए आयुष्मान भारत योजना के जन समर्पित हमारे महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के अंदाज को। आयुष्मान भारत योजना  आज 23 सितंबर 2018 से शुरू हो गई है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस स्कीम को झारखंड से लॉन्च करा है । कई तरह के नाम से आप कभी भ्रमित ना हो, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और 'मोदी केयर' ये दोनों ही इसी स्कीम के नाम हैं। 15 अगस्त 2018  को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले से प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का ऐलान किया था । इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ 74 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा के तौर पर मुहैया कराया जाएगा । ऐसे में सोचा कि राष्ट्र प्रथम को  सर्वोपरि  रखने वाले भाजपा संगठन का सिपाही होने के नाते इस महत्वपूर्ण योजना के बारे में हर खास बात की जानकारी देश के अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति तक पहुंचाना मेरा भी कर्तव्य बनता है आइए आगे आपको बताती हूँ, इस योजना की पूरी जानकारी और मिलने वाले फायदे ...... (A) किसे मिल

#AyushmanBharat

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🇮🇳🇮🇳 #AyushmanBharat 🇮🇳🇮🇳 🇮🇳🇮🇳 #Our_Great_PM 🇮🇳🇮🇳 विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना - आयुष्मान भारत' का शुभारंभ करने पर भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को हार्दिक बधाई। मोदी सरकार की इस ऐतिहासिक आरोग्य योजना के माध्यम से देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों यानी करीब 50 करोड़ गरीबों को गुणवत्ता वाली 5 लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार की सुविधा मिलेगी। देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी को इस योजना के अंतर्गत मेडिकल कवर मिलेगा जिससे वह पैनल में शामिल किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मुफ्त करा सकेंगे। मोदी सरकार की हर योजना के केंद्र में देश का गरीब होता है। दशकों से स्वास्थ्यपूर्ण जीवन, रहने के घर व अन्य सुविधाओं से वंचित देश के गरीबों को सम्मान से जीने का अधिकार देने का काम मोदी सरकार ने किया है। समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को, गरीब से भी गरीब को इलाज मिले, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले, आज इस विजन के साथ बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। #AyushmanBharat क

रामधारी सिंह 'दिनकर'

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क्रांतिकारी कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ हिन्दी के प्रसिद्ध कवियों में से एक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को  सिमरिया नामक स्थान पे हुआ। इनकी मृत्यु 24 अप्रैल, 1974 को चेन्नई) में हुई । जीवन परिचय :  हिन्दी के सुविख्यात कवि रामाधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 ई. में सिमरिया, ज़िला मुंगेर (बिहार) में एक सामान्य किसान रवि सिंह तथा उनकी पत्नी मन रूप देवी के पुत्र के रूप में हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर एक ओजस्वी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कवि के रूप में जाने जाते थे। उनकी कविताओं में छायावादी युग का प्रभाव होने के कारण श्रृंगार के भी प्रमाण मिलते हैं। दिनकर के पिता एक साधारण किसान थे और दिनकर दो वर्ष के थे, जब उनका देहावसान हो गया। परिणामत: दिनकर और उनके भाई-बहनों का पालान-पोषण उनकी विधवा माता ने किया। दिनकर का बचपन और कैशोर्य देहात में बीता, जहाँ दूर तक फैले खेतों की हरियाली, बांसों के झुरमुट, आमों के बगीचे और कांस के विस्तार थे। प्रकृति की इस सुषमा का प्रभाव दिनकर के मन में बस गया, पर शायद इसीलिए वास्तविक जीवन की कठोरताओं का भी अधिक गहरा प्