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Showing posts from November, 2021

गुरु नानक देव जी

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गुरु नानक देव जी ************** नाम – नानक (Nanak) अन्य नाम - गुरु नानक देव, गुरु नानक, बाबा नानक और नानकशाह प्रसिद्ध नाम – श्री गुरु नानक देव जी (Shri Guru Nanak Dev Ji) जन्म - 15अप्रैल,1469 में गाँव तलवंडी, शेइखुपुरा डिस्ट्रिक्ट (जो आज के दिन ननकाना साहिब, पंजाब, पाकिस्तान में है) गुरुनानक दिवस मृत्यु – 22सितम्बर, 1539 करतारपुर (जो आज पाकिस्तान में हैं) महान कार्य – विश्व भर में सांप्रदायिक एकता, शांति, सदभाव के ज्ञान को बढ़ावा देना। सिख धर्म में गुरु पर्व का बहुत महत्व है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था। ये स्थान वर्तमान समय में पाकिस्तान में हैं। इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है। गुरु नानक देव जी की जीवनी :: ~~~~~~~~~~~~~~~~ गुरु नानक देव जी का प्रारंभिक जीवन : ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ श्री गुरु नानक देव जी का जन्म 15अप्रैल, 1469 में गाँव तलवंडी, शेइखुपुरा डिस्ट्रिक्ट में हुआ जो की लाहौर पाकिस्तान से 65KM पश्चिम में स्थित है। उनके पिता बाबा

करतार सिंह सराभा

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करतार सिंह सराभा ~~~~~~~~~~ 🌺🌻🌷🌼🌹🌸🥀💐 ★तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी...★ 🌺🌻🌷🌼🌹🌸🥀💐 करतार सिंह ‘सराभा’: वह भारतीय क्रांतिकारी, जिसे ब्रिटिश मानते थे ‘अंग्रेजी राज के लिए सबसे बड़ा खतरा’! “देस नूँ चल्लो देस नूँ चल्लो देस माँगता है क़ुर्बानियाँ कानूं परदेसां विच रोलिये जवानियाँ ओय देस नूं चल्लो… ...देशभक्ति की भावना से भरे इस गीत के बोलों को सही मायने में सार्थक किया करतार सिंह सराभा ने। करतार सिंह ‘सराभा’, एक क्रांतिकारी और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, जिसने अमेरिका में रहकर भारतियों में क्रांति की अलख जगाई थी। सिर्फ 19 साल की उम्र में देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल जाने वाले इस सपूत को उसके शौर्य, साहस, त्याग एवं बलिदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा।  करतार सिंह ~~~~~~ सराभा, पंजाब के लुधियाना ज़िले का एक चर्चित गांव है। लुधियाना शहर से यह करीब पंद्रह मील की दूरी पर स्थित है। गांव बसाने वाले रामा व सद्दा दो भाई थे। गांव में तीन पत्तियां हैं-सद्दा पत्ती, रामा पत्ती व अराइयां पत्ती। सराभा गा

बाला साहेब ठाकरे जी

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बाल ठाकरे ~~~~~~ महाराष्ट्र के राजनेता बालासाहेब केशव ठाकरे (२३ जनवरी १९२६ - १७ नवम्बर २०१२) भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने शिव सेना के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया है। उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब भी कहते थे। वे मराठी में सामना नामक अखबार निकालते थे। उनके अनुयायी उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते थे। बाल ठाकरे ~~~~~~ शिव सेना के संस्थापक और अध्यक्ष हिंदु हृदय सम्राट जन्म : २३ जनवरी १९२६ पुणे, बंबई प्रेसीडेंसी मृत्यु :१७ नवम्बर २०१२ मुंबई राजनीतिक दल : शिव सेना जीवन संगी : मीना ठाकरे बच्चे : बिन्दुमाधव ठाकरे, जयदेव ठाकरे, उद्धव ठाकरे निवास : मुंबई, भारत ठाकरे ने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था। पहले वे अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने सन १९६० में मार्मिक के नाम से अपना एक स्वतन्त्र साप्ताहिक अखबार निकाला और अपने पिता केशव सीताराम ठाकरे के राजनीतिक दर्शन को महाराष्ट्र में प्रचारित व प्रसारित किया। सन् १९६६ में उन्होंने शिव सेना की स्थापना की। मराठी भाषा में सामना के अतिरिक्त उन्ह

अशोक सिंघल जी

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अशोक सिंघल - विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप नेता अशोक सिंघल का गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आका्रमक शैली अपनायी थी।   बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल का जन्म 27 सितम्बर, 1926 को आगरा में एक सम्पन्न उद्योगपति परिवार में हुआ। परिवार का वातावरण धार्मिक होने के कारण उनके मन में बचपन से ही हिन्दू धर्म के प्रति प्रेम जाग्रत हो गया। उनके घर संन्यासी और धार्मिक विद्वान आते रहते थे। अशोक सिंघल आईआईटी बीएचयू के पासआउट थे। सिंघल को भारतीय शास्त्रीय

लाला लाजपत राय जी

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लाला लाजपत राय ~~~~~~~~~~ 🥀🌹🌻🌼🌺🌸💐🌷 ★तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी...★ 🥀🌹🌻🌼🌺🌸💐🌷 लाला लाजपत राय: जिनकी मौत ने ब्रिटिश राज के ताबूत में आखिरी कील ठोंक दी.....। साइमन कमीशन के विरोध में ब्रिटिश पुलिस की लाठियों से घायल होकर आज ही के दिन 17 नवंबर 1928 को हुआ था लाला लाजपत राय का देहांत । एक दौर था जब ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। पूरी दुनिया में अंग्रेजों की तूती बोलती थी. सर्वशक्तिमान ब्रिटिश राज के खिलाफ 1857 में भारत में हुए बहुत बड़े सशस्त्र आंदोलन को बेहद निर्ममता के साथ कुचल दिया गया था. अंग्रेज भी यह मानते थे अब उन्हें भारत से कोई हिला भी नहीं सकता। साल 1928 में भारत में एक शख्स की ब्रिटिश पुलिस की लाठियों के मौत हुई. और इस मौत ने ब्रिटिश साम्राज्य की चूलों को हिला दिया। 30 अक्टूबर 1928 को पंजाब में महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय पर बरसीं ब्रिटिश लाठियां दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य के ताबूत में आखिरी कील साबित हुईं और आज ही के दिन यानी 17 नवंबर को हुई उनकी मौत क

भगवान बिरसा मुंडा जी

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भगवान बिरसा मुंडा ~~~~~~~~~~ 🌺🌷🌻🥀🌹🌼🌸💐 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी.. 🌺🌷🌻🥀🌹🌼🌸💐 पूरा नाम : बिरसा मुंडा जन्म : 15 नवम्बर, 1875 ई. जन्म भूमि : राँची, झारखण्ड मृत्यु : 9 जून, 1900 ई. मृत्यु स्थान : राँची जेल अभिभावक : सुगना मुंडा  नागरिकता : भारतीय प्रसिद्धि : क्रांतिकारी विशेष योगदान : बिरसा मुंडा ने अनुयायियों को संगठित करके दो दल बनाए। एक दल मुंडा धर्म का प्रचार करता था और दूसरा राजनीतिक कार्य।  अन्य जानकारी : कहा जाता है कि 1895 में कुछ ऐसी आलौकिक घटनाएँ घटीं, जिनके कारण लोग बिरसा जी को भगवान का अवतार मानने लगे। लोगों में यह विश्वास दृढ़ हो गया कि बिरसा जी के स्पर्श मात्र से ही समस्त रोग दूर हो जाते हैं। बिरसा मुंडा (अंग्रेज़ी: Birsa Munda, जन्म- 15 नवम्बर, 1875 ई., राँची, झारखण्ड; मृत्यु- 9 जून, 1900 ई., राँची जेल) एक आदिवासी नेता और लोकनायक थे। ये मुंडा जाति से सम्बन्धित थे। वर्तमान भारत में रांची और सिंहभूमि के आदिवासी बिरसा मुंडा को अब 'बिरसा भगवान' या 'भगवान बिरसा' कहकर याद करते हैं। मुं

लाल कृष्ण आडवाणी जी

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पूर्व डिप्टी पी.एम. लालकृष्ण आडवाणी जी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ भाजपा के वरिष्ठ, तपोनिष्ठ और पार्टी के गठन के आधार स्तंभों में से एक, पूर्व उप-प्रधानमंत्री, जीवन पर्यान्त संघर्ष एवं अथक परिश्रम से संगठन को सुदृढ़ बनाने वाले हमारे प्रेरणास्रोत, मार्गदर्शक आदरणीय श्री #लालकृष्ण_आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं। ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु प्रदान करें। #LalKrishnaAdvani 💐🎂💐 अयोध्या आंदोलन का सूत्रपात कर भारतवर्ष की राजनीति को एक नई धारा देने वाले लालकृष्ण आडवाणी जी आज 94वर्ष के हो गए हैं। बीजेपी के पितामह लालकृष्ण आडवाणी जी वर्ष 1992 के अयोध्या आंदोलन के नायक रहे..... अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर वर्ष 1990 में गुजरात के सोमनाथ से शुरू की गई उनकी रथ यात्रा ने भारत के सामाजिक ताने-बाने पर अन्दर तक असर डाला..... आपने रथ यात्रा निकालकर भारत में हिन्दुत्व की राजनीति का सूत्रपात किया..... बीजेपी को सत्ता के शिखर तक ले जाने में आपका अहम रोल..... अयोध्या आंदोलन का सूत्रपात कर भारतवर्ष की राजनीति को नई धारा देने वाले लालकृ

बिपिन चन्द्र पाल जी

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बिपिन चन्द्र पाल ~~~~~~~~~ स्वदेशी आंदोलन के अग्रणी महानायक राष्ट्रवादी दिव्यद्रष्टा बिपिन चन्द्र पाल हमारे देश की आजादी में 'गरम दल' के 'लाल-बाल-पाल' की मशहूर तिकड़ी की बहुत ही अहम भूमिका मानी जाती है, इस महान तिकड़ी में 'लाल' थे लाला लाजपत राय, 'बाल' थे बालगंगाधर तिलक और 'पाल' थे बिपिन चन्द्र पाल, इन सभी महान क्रांतिकारियों के नाम भारतीय स्वाधीनता संग्राम आंदोलन के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। इस तिकड़ी के बिपिन चन्द्र पाल को एक राष्ट्रवादी दिव्यद्रष्टा नेता होने के साथ-साथ, क्रांतिकारी, समाज-सुधारक, शिक्षक, निर्भीक पत्रकार, उच्च कोटि का लेखक व कुशल वक्ता माना जाता था। बिपिन चन्द्र पाल ने अपना सम्पूर्ण जीवन माँ भारती की सेवा में समर्पित कर दिया था, वो देश की आजादी के लिए समर्पित एक महान क्रांतिकारी योद्धा थे। उन्होंने अपने सशक्त प्रयासों से देश में अंग्रेजी हुकुमत की चूलें हिला देने का कार्य किया था, उनको देश में क्रांतिकारी विचारों का जनक माना जाता था, वो देश में स्वदेशी आंदोलन के सूत्राधार व उसके अग्रणी महा