हिन्दी व हिन्दुत्व के पुजारी रामनारायण त्रिपाठी ‘पर्यटक’
हिन्दी व हिन्दुत्व के पुजारी रामनारायण त्रिपाठी ‘पर्यटक’ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ 31मई/ जयन्ती..... शत-शत नमन ‘पर्यटक’ तथा ‘दद्दा बैसवारी’ के नाम से कई विधाओं में कविता लिखने वाले श्री रामनारायण त्रिपाठी का जन्म 31 मई, 1958 को ग्राम टेढ़वा (जिला उन्नाव, उ.प्र.) में श्रीमती मायादेवी तथा श्री महादेव त्रिपाठी के घर में हुआ था। घर में मिले धर्म और देशप्रेम के संस्कार स्वयंसेवक बनने पर और प्रगाढ़ हो गये। अतः बी.ए. कर वे डेढ़ वर्ष तक पुरवा तहसील में प्रचारक रहे। 1978 में वे लखनऊ स्थित ‘राष्ट्रधर्म प्रकाशन’ में काम करने लगे। 1984 में तुलसी जयन्ती पर उन्होंने ‘नवोदित साहित्यकार परिषद’ की स्थापना की। ‘नवोदित स्वर साधना’ नामक पत्र में नये साहित्यकारों की रचनाएं छापकर उन्होंने सैकड़ों नये और युवा राष्ट्रप्रेमी लेखक तैयार किये। कुछ समय बाद वे मासिक ‘राष्ट्रधर्म’ में सह सम्पादक बनाये गये। निर्धारित काम को जिदपूर्वक समय से पूरा करना उनके स्वभाव का अंग था। ‘राष्ट्र साधना विशेषांक’ के प्रकाशन से पूर्व सम्पादक श्री आनंद मिश्र ‘अभय’ एक दुर्घटना के कारण बिस्तर पर पड़े थे। ऐसे में पर्...