शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह जी

शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह जी
~~~~~~~~~~~~~~~
Jammu-Kashmir का अनंतनाग जिला (Anantnag Encounter), यहां एक तहसील है कोकेरनाग, एक ऊंचा इलाका है। भारतीय सेना के जवानों के लिए यहां गश्त आसान नहीं होती। फिर भी मुस्तैदी जरूरी है। 12 सितंबर के रोज, कोकेनाग के हलूरा गंडूल इलाके में 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। तत्काल सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाई गई। सेना की यूनिट को लीड कर रहे थे 19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) बटालियन में तैनात कर्नल मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh) जी।

शाम को सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। रात में बंद कर दिया गया। 13 सितंबर को ऑपरेशन दोबारा शुरू हुआ। जिस इलाके में पाकिस्तान समर्थक आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी, टीमें उसी तरफ बढ़ने लगीं। इसी बीच उधर से ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगीं। मुठभेड़ शुरू हो चुकी थी। कुछ देर बाद खबर आई कि सेना के एक अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक DSP को गोली लगी है। उन्हें एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है और शाम तक खबर आई कि भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस में डिप्टी SP हुमायूं भट शहीद हो गए हैं।

मनप्रीत सिंह जी को उनकी पत्नी जगमीत ने रोज की तरह बुधवार सुबह 6:45 पर कॉल की थी। मनप्रीत जी बोले, “मैं किसी मिशन पर हूं, बाद में बात करूंगा...”

ये परिवार से उनकी आख़िरी बात थी। मनप्रीत सिंह जी का शव 14 सितंबर को उनके पैतृक गांव भरऊजान ले जाया जा रहा है। ये गांव पंजाब के मोहाली जिले में न्यू चंडीगढ़ इलाके में आता है। उनकी पत्नी मोरनी के एक स्कूल में टीचर हैं। उनके पिता का घर हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 26 में है। यहां से उनका स्कूल पास पड़ता है, इसलिए वो यहीं रहती हैं। कल शाम तक उन्हें नहीं पता था कि मनप्रीत शहीद हो गए हैं।

भारतीय सेना से पुराना नाता
~~~~~~~~~~~~~~
व्यापार, पुश्तैनी हो तो परिवारिक पेशा कहा जाता है। राजनीति पुरखों के वक़्त से चली आ रही हो तो परिवारवाद के आरोप लगते हैं। लेकिन सेना से नाता पुराना हो तो, देश पर उस परिवार का कर्ज कुछ और बढ़ जाता है। मनप्रीत सिंह जी के दादा तीन भाई थे- शीतल सिंह, साधु सिंह और त्रिलोक सिंह। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों ने भारतीय सेना में सेवाएं दीं। शीतल सिंह जी ने भारत-पाक बंटवारे से लेकर सेना से रिटायर होने तक तीन युद्धों में हिस्सा लिया। उनके पांच बेटे हुए। उनमें से तीन को आर्मी की ही नौकरी भाई। इनमें से एक थे- लखबीर सिंह, शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के पिता।

लखबीर सिंह जी सेना में सिपाही की पोस्ट से लगे थे। 12 सिख लाइट इन्फैंट्री में हवलदार के पद से रिटायर हुए। उसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी सुपरवाइजर के बतौर काम करने लगे। साल 2014 में उनकी ब्रेन हैमरेज से मौत हुई। उसके बाद मनप्रीत सिंह जी के छोटे भाई संदीप सिंह जी को उनकी जगह नौकरी मिल गई। मनप्रीत सिंह जी की एक बहन भी हैं। संदीप सिंह अपने परिवार और मां के साथ गांव वाले घर में ही रहते हैं, जहां मातम पसरा है।

मनप्रीत सिंह: सेकंड टू नन 
~~~~~~~~~~~~~~
सेना में दुशमन से लड़ते हुए शहीद होकर सर्वोच्च बलिदान देने वाले मनप्रीत सिंह जी बचपन से ही सेकंड टू नन रहे हैं।

आजतक से जुड़ी कमलदीप संधू से बात करते हुए, संदीप सिंह बताते हैं,

"जब हम छोटे थे तो पापा सिपाही थे। हम देखते थे कि पापा अपने से बड़े अफसरों को सैल्यूट करते हैं। भैया ने तभी से सोच लिया था कि वो एक दिन आर्मी में ऑफिसर बनेंगे। फिर जब पापा उनके साथ खड़े होंगे तो वही अफसर उन्हें सैल्यूट करेंगे, जिन्हें वो तब सैल्यूट करते थे।"

पढ़ाई-लिखाई में अव्वल रहे मनप्रीत सिंह जी का शुरुआती स्कूल था- न्यू चंडीगढ़ के मुल्लांपुर का केंद्रीय विद्यालय। बाद में चंडीगढ़ के SD कॉलेज से B.Com. की पढ़ाई की। कॉमर्स का बैकग्राउंड बना तो CA का एग्जाम दिया, पास भी किया, लेकिन प्रैक्टिस शुरू करने से पहले ही साल 2003 में NDA का ग्रेजुएशन लेवल का एग्जाम CDS पास कर लिया और सेना में भर्ती हो गए। गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा से लेकर ग्रेजुएशन तक मनप्रीत जी टॉपर रहे हैं।

सेना में कमांडर बने मनप्रीत जी
~~~~~~~~~~~~~~~~
ट्रेनिंग के बाद मनप्रीत सिंह जी साल 2005 में लेफ्टिनेंट बने थे। भाई संदीप सिंह बताते हैं कि ट्रेनिंग पर जाते समय भाई ने कहा था कि, "उन्हें नहीं मालूम कि डर क्या होता है, मौत को पीछे छोड़कर भारत माता की सेवा करने के लिए सेना में शामिल हो रहा हूं"। कर्नल मनप्रीत सिंह साल 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के पद पर थे। बाद में कमांडिंग अफसर बने। मनप्रीत सिंह जी पिछले चार साल से अनंतनाग में पोस्टेड थे और बतौर कमांडर 19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) यूनिट की कमान संभाल रहे थे। राष्ट्रीय राइफल्स ने ही 8 जुलाई 2016 को आतंकी कमांडर बुरहान वानी का एनकाउंटर किया था। मार्च 2021 में कर्नल मनप्रीत सिंह जी को सेना का गैलेंट्री मेडल मिला।

2016 में मनप्रीत सिंह जी की शादी, जगमीत ग्रेवाल से हुई थी। वो मोरनी के सरकारी स्कूल में पढ़ाती हैं। उनका 6 साल का एक बेटा है, कबीर नाम का और ढाई साल की बेटी हैं, वाणी।

भास्कर की एक खबर के मुताबिक, कुछ ही महीने बाद मनप्रीत सिंह जी की पोस्टिंग चंडी मंदिर कैंट इलाके में होने वाली थी। मनप्रीत सिंह जी का एक घर लेकर परिवार के साथ रहने का प्लान था। मनप्रीत सिंह जी ने बीते जून महीने में पूरे परिवार को कश्मीर घुमाया था। कहा था कि, "क्या पता दोबारा कश्मीर आने का मौक़ा मिले या नहीं"। अब मनप्रीत सिंह जी अपने पीछे परिवार और छोटे-छोटे बच्चों को अकेला छोड़ गए हैं। हम सब देशवासी उनकी इस शहादत को दिल से शत–शत नमन करते है और भगवान उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
💐💐💐💐
🙏🙏
#VijetaMalikBJP

#HamaraAppNaMoApp

Popular posts from this blog

वक्त आने पर बता देंगे तुझे ऐं आसमां

वीरांगना झलकारी बाई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी