क्रांतिकारी मन्मथ नाथ गुप्त
क्रांतिकारी मन्मथ नाथ गुप्त ~~~~~~~~~~~~~~ 🙏 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी... 🙏 “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है” ........... राम प्रसाद बिस्मिल इन पंक्तियों को हम सब अपने बचपन से सुनते आ रहे हैं। यह कविता, महान क्रन्तिकारी राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ने लिखी थी। प्रसिद्ध ‘काकोरी कांड’ के लिए फांसी दिए जाने वाले क्रांतिकारियों में से राम प्रसाद बिस्मिल मुख्य थे, जिन्होंने काकोरी कांड की योजना बनाई थी। पर बिस्मिल के साथ ऐसे बहुत से और भी देशभक्त थे, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना, खुद को देश के लिए समर्पित कर दिया था। कुछ तो उनके साथ ही फिज़ा में मिल गए, तो कुछ ने अपना कारावास पूरा करने के बाद देश की आज़ादी तक आज़ादी के संग्राम की मशाल को जलाए रखा। काकोरी कांड के लिए गिरफ्तार होने वाले 16 स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे मन्मथ नाथ गुप्त। जब उन्होंने काकोरी कांड में बिस्मिल का साथ देने का फैसला किया, तब वह मात्र 17 साल के थे। अपने जीवन की आखिरी सांस तक वह भारत...