दुर्गा भाभी
🙏🙏
तुम भूल ना जाओ उनको,
इस लिए लिखी ये कहानी,
.........
🙏🙏
यह दुर्गा भाभी हैं, वही दुर्गा भाभी जिन्होंने साण्डर्स वध के बाद राजगुरू और भगतसिंह को लाहौर से अंग्रेजो की नाक के नीचे से निकालकर कोलकत्ता ले गयी थी। इनके पति क्रन्तिकारी भगवती चरण वोहरा थे। ये भी कहा जाता है कि चंद्रशेखर आजाद के पास आखिरी वक्त में जो माउजर था, वो भी दुर्गा भाभी ने ही उनको दिया था। दुर्गा भाभी क्रांतिकारियों की सलाहकार व मददगार थी।
14अक्टूबर 1999 में वो इस दुनिया से गुमनाम ही विदा हो गयी कुछ एक दो अखबारों ने उनके बारे में छापा बस।
आज आज़ादी के इतने साल के बाद भी न तो उस विरांगना को इतिहास के पन्नों में वो जगह मिली जिसकी वो हकदार थीं और न ही वो किसी को याद रही, चाहे वो सरकार हो या जनता।
एक स्मारक का नाम तक उनके नाम पर नही है, कहीं कोई मूर्ति नहीं है उनकी। सरकार तो भूली ही जनता भी भूल गयी, उन्हें।
ऐसी महान वीर वीरांगनाओं को हम सभी देशवासी शत-शत नमन करते है और भविष्य मे ऐसे तमाम वीरों और महान आत्माओं को आदर-सम्मान दिलाने के लिये प्रयासरत रहेंगे....!
जय हिन्द ।
🙏🙏
#VijetaMalikBJP
तुम भूल ना जाओ उनको,
इस लिए लिखी ये कहानी,
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यह दुर्गा भाभी हैं, वही दुर्गा भाभी जिन्होंने साण्डर्स वध के बाद राजगुरू और भगतसिंह को लाहौर से अंग्रेजो की नाक के नीचे से निकालकर कोलकत्ता ले गयी थी। इनके पति क्रन्तिकारी भगवती चरण वोहरा थे। ये भी कहा जाता है कि चंद्रशेखर आजाद के पास आखिरी वक्त में जो माउजर था, वो भी दुर्गा भाभी ने ही उनको दिया था। दुर्गा भाभी क्रांतिकारियों की सलाहकार व मददगार थी।
14अक्टूबर 1999 में वो इस दुनिया से गुमनाम ही विदा हो गयी कुछ एक दो अखबारों ने उनके बारे में छापा बस।
आज आज़ादी के इतने साल के बाद भी न तो उस विरांगना को इतिहास के पन्नों में वो जगह मिली जिसकी वो हकदार थीं और न ही वो किसी को याद रही, चाहे वो सरकार हो या जनता।
एक स्मारक का नाम तक उनके नाम पर नही है, कहीं कोई मूर्ति नहीं है उनकी। सरकार तो भूली ही जनता भी भूल गयी, उन्हें।
ऐसी महान वीर वीरांगनाओं को हम सभी देशवासी शत-शत नमन करते है और भविष्य मे ऐसे तमाम वीरों और महान आत्माओं को आदर-सम्मान दिलाने के लिये प्रयासरत रहेंगे....!
जय हिन्द ।
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#VijetaMalikBJP