ऐसा था हमारा सरदार
दोस्तों, फेसबुक पर हमारे एक आदरणीय बड़े भाई सरीखे विद्वान मित्र हैं। कुछ दिन पूर्व उन्होंने एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने सरदार पटेल द्वारा गुरुजी गोलवलकर को लिखे एक पत्र का उल्लेख किया था। सरदार पटेल के उस पत्र की भाषा निस्संदेह अच्छी नहीं थी किन्तु यहाँ यह देखना भी आवश्यक है कि पटेल ने गुरुजी गोलवलकर को वह पत्र गांधी जी की हत्या से क्षुब्ध होकर लिखा था। उस समय गाँधी जी की हत्या से पूरा देश क्षुब्ध था और गोडसे के संघ से जुड़े होने की अफवाहें चरम पर थीं। ऐसी परिस्थितियों में गोलवलकर जी को बंदी बनाया गया था और संघ पर प्रतिबन्ध लगाया गया था। यह प्रतिबन्ध 1949 में हटाया गया जब लगभग अस्सी हजार स्वयंसेवकों ने गिरफ्तारी दी थी। यह सत्य है कि नेहरूजी की वजह से सरदार के संघ से मतभेद बहुत गहरे थे किंतु यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरदार पटेल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुशासन से भी बहुत प्रभावित थे, यह उनके द्वारा लिखे अन्य पत्रों में झलकता है। यह भी उल्लेखनीय है कि फरवरी 1948 में सरदार ने जवाहरलाल को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा, ...... “मैं निरंतर बापू की हत्या की जाँच सम्बंध...