नारी का सम्मान करो - सम्मान करो

भूले से मत कीजिये, नारी का अपमान ।
नारी जीवन दायिनी, नारी है वरदान II

माँ बनकर देती जनम, पत्नी बन संतान।
जीवन भर छाया करे, नारी वृक्ष समान II

नारी भारत वर्ष की, रखे अलग पहचान।
ले आई यमराज से, वापस पति के प्राणII

नारी कोमल निर्मला, होती फूल समान।
वक्त पड़े तो थाम ले, बरछी तीर कमान II

नारी के अंतर बसे, सहनशीलता आन।
ये है मूरत त्याग की, नित्य करे बलिदान II

नारी को मत मानिये, दुर्बल अबला-जान।
दुर्गा काली कालिका, नारी है तूफ़ान II

युगों-युगों से ये जगत, ठहरा पुरुष प्रधान ।
कदम-कदम पर रोकता, नारी का उत्थान II

जितना गाओ कम लगे, नारी का गुणगान।
जी चाहे कण-कण करे, नारी का सम्मान ।।

नारी तू ही शक्ति तू ही नारायणी तू ही पार्वती
नारी है तो नर है और जीवन है
सच ही है संसार में नारी बिन आंगन सूना सूना
सच ही संसार में नारी बिना जीवन संभव नहीं है

जब नारी बिन जीवन नहीं तो नारी का सम्मान करो
नारी कोमल ह्रदय है पर
हर पल पुरुष लेते परीक्षा
परंतु पुरुष यह ना समझे कितने आंखों में आंसू दोगे
क्यो लेते हो परीक्षा

हर पल हर समय इंतजार करती है नारी
पुरूष कब समझेंगे त्याग की मूर्ति नारी को
नारी का सम्मान करो - सम्मान करो ।

जय मां भारती ।
भारत माता की जय।

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........ विजेता मलिक

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