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Showing posts from May, 2024

शहीद करनैल सिंह बेनिपाल ( बेनीवाल)

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शहीद करनैल सिंह बेनिपाल ( बेनीवाल) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ "जो देश अपने वीर और महान सपूतों को भूल जाता है, उस देश के आत्मसम्मान को हीनता की दीमक चट कर जाती है।"  ....... याद रखना दोस्तों। हमें समय समय पर इन महान हस्तियों को याद करते रहना चाहिए। अपने बच्चों, छोटे भाई-बहनों, आदि को इन वीर सपूतों की वीर गाथाओं को समय-समय पर सुनाना चाहिए। इन अमर बलिदानियों के किस्से-कहानियों को कॉपी-पेस्ट करके अपने-अपने सोशल नेटवर्क पर डालना चाहिए व एक दूसरे को शेयर करना चाहिए, ताकि और लोगो को भी इन अमर बलिदानियों व शहीदों के बारे में पता लग सके। जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी... 🙏🙏 साथियों, आज अमर शहीद करतार सिंह सराभा जी की जयंती हैं, हम सब भारतवासी उन्हें याद कर रहे हैं। पर एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसके शहीद करतार सिंह सराभा, शहीद भगत सिंह, शहीद ऊधम सिंह, जैसे महान अमर शहीद जिसके आदर्श थे और वो अपने स्कूल में व अन्य मीटिंग में अक्सर इनके क़िस्से, कहानियां व गीत अपने साथियों को सुनाया करते थे और अपने आदर्श इन्हीं अमर शहीदों की तरह एक दिन खुद भी शहीद हो गए। वो थे ...

शहीद करतार सिंह सराभा

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करतार सिंह सराभा ~~~~~~~~~~ "जो देश अपने वीर और महान सपूतों को भूल जाता है, उस देश के आत्मसम्मान को हीनता की दीमक चट कर जाती है।"  ....... याद रखना दोस्तों। हमें समय समय पर इन महान हस्तियों को याद करते रहना चाहिए। अपने बच्चों, छोटे भाई-बहनों, आदि को इन वीर सपूतों की वीर गाथाओं को समय-समय पर सुनाना चाहिए। इन अमर बलिदानियों के किस्से-कहानियों को कॉपी-पेस्ट करके अपने-अपने सोशल नेटवर्क पर डालना चाहिए व एक दूसरे को शेयर करना चाहिए, ताकि और लोगो को भी इन अमर बलिदानियों व शहीदों के बारे में पता लग सके। जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी ....... 🙏🙏 करतार सिंह ‘सराभा’: वह भारतीय क्रांतिकारी, जिसे ब्रिटिश मानते थे ‘अंग्रेजी राज के लिए सबसे बड़ा खतरा’! “देस नूँ चल्लो देस नूँ चल्लो देस माँगता है क़ुर्बानियाँ कानूं परदेसां विच रोलिये जवानियाँ ओय देस नूं चल्लो… ...देशभक्ति की भावना से भरे इस गीत के बोलों को सही मायने में सार्थक किया करतार सिंह सराभा ने। करतार सिंह ‘सराभा’, एक क्रांतिकारी और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, जिसने अमेरिका में रहकर भारतियों में क्रा...

शहीद सुखदेव थापर जी

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शहीद सुखदेव थापर जी ~~~~~~~~~~~~ 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तुम भूल ना जाओ उनको, इसलिए लिखी ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी.. 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मां भारती की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देने वाले महान क्रांतिकारी एवं अमर वीर सपूत सुखदेव जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। सुखदेव जी की अद्वितीय वीरता, देशभक्ति और उनका बलिदान अनंतकाल तक अविस्मरणीय रहेगा। सुखदेव (वर्ष 1907-1931) एक प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। वह उन महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में से हैं, जिन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इनका पूरा नाम सुखदेव थापर है और इनका जन्म 15 मई 1907 को हुआ था। इनका पैतृक घर भारत के लुधियाना शहर, नाघरा मोहल्ला, पंजाब में है। इनके पिता का नाम राम लाल था। अपने बचपन के दिनों से, सुखदेव ने उन क्रूर अत्याचारों को देखा था, जो शाही ब्रिटिश सरकार ने भारत पर किए थे, जिसने उन्हें क्रांतिकारियों से मिलने के लिए बाध्य करदिया और उन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन...

महाराणा प्रताप जी

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🙏🙏 ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ दोस्तों, जब भी मुझे, कोई भी अच्छी बात, सोशल मीडिया या प्रिंट मीडिया पर पढ़ने को मिलती हैं, तो वो मैं कॉपी-पेस्ट-एडिट करके आप सब तक ★आओ कुछ अच्छी बातें करें★ के तहत शेयर जरूर करती हूँ। आज भी "महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी" विषय पर कुछ अच्छी बातें आपसे शेयर कर रही हूँ, इस प्राथना के साथ कि अगर आपको भी ये बातें अच्छी लगें, तो कृपया दूसरों के लिए, आगे ज़रूर शेयर करे ........ ........विजेता मलिक महाराणा प्रताप ~~~~~~~~ महाराणा प्रताप जन्मभूमि की स्वतंत्रता के संघर्ष के प्रतिक है। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, आदर्श संगठनकर्ता और देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहने वाले महान सेनानी थे। अपनी संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उन्होंने वन-वन भटकना तो स्वीकार किया मगर क्रूर मुग़ल सम्राट अकबर के सामने अधीनता स्वीकार नहीं की। महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक है, जिनकी अनन्य विशेषताओ पर भारतीय इतिहासकारों ही नहीं, पाश्चात्य लेखकों और कवियों को भी अपनी लेखनी चालायी है। प्रताप स्वदेश पर अभिमान क...

गोपाल कृष्ण गोखले जी

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गोपाल कृष्ण गोखले जी ~~~~~~~~~~~~ जन्म: 9 मई, 1866 निधन: 19 फरवरी, 1915 उपलब्धियां: महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरु, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के मार्ग दर्शकों में से एक, सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी के संस्थापक गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के मार्गदर्शकों में से एक थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। गांधीजी उन्हें अपना राजनैतिक गुरु मानते थे। राजनैतिक नेता होने के आलावा वह एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने एक संस्था “सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी” की स्थापना की जो आम लोगों के हितों के लिए समर्पित थी। देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में गोपाल कृष्ण गोखले का योगदान अमूल्य है। गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 को महाराष्ट्र के कोथापुर में हुआ था। उनके पिता कृष्ण राव एक किसान थे पर चूँकि क्षेत्र की मिट्टी कृषि के लिए अनुकूल नहीं थी इस कारण क्लर्क का काम करने पर मजबूर हो गए। उनकी माता वालूबाई एक साधारण महिला थीं। गोखले ने अपने बड़े भाई द्वारा आर्थिक सहायता से कोथापुर के राजाराम हाई स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। बाद में वह मुंबई चले गए ...