डॉ. मंगल सेन जी ( शेर - ऐ - हरियाणा )

डॉ. मंगल सेन जी
( शेर - ऐ - हरियाणा )
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हरियाणा प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. डा. मंगल सेन महान कर्मयोगी इंसान थे। हरियाणा में भाजपा आज जिस मुकाम पर है और हरियाणा में भाजपा की मनोहर लाल जी के नेतृत्व वाली लगातार दूसरी बार सरकार बनी हैं, उसके पीछे डा. मंगल सेन जी का संघर्ष है।

27 अक्टूबर 1927 को डा. मंगल सेन का जन्म सरगोधा के झांवरिया गांव में हुआ था, जो आज पाकिस्तान में है।

डॉ. मंगल सेन जी बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में जाने लगे थे और अपने सार्वजनिक जीवन का आगाज भी उन्होंने संघ प्रचारक के तौर पर ही किया था। उन्होंने जनसंघ का अध्यक्ष रहते हुए हरियाणा में संगठन को मजबूत किया। डा. मंगल सेन जी ने हरियाणा प्रदेश का समान विकास करवाया। बिना भेदभाव के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कला उनमें थी। इसी के चलते वो लगातार सात बार रोहतक से विधायक रहे।

डॉ. मंगल सेन उपमुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ रोहतक से 7 बार विधायक रहे, लेकिन उनकी अर्थी उनके किराये के मकान से उठी, वह ईमानदारी की मिसाल थे। 

डा. मंगल सेन जी सादगी की प्रतिमूर्ति थे। वह समाज के लिए ही आजीवन कार्य करते रहे। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में ऐसे प्रतिमान स्थापित किए जिनका अनुसरण करके ही उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि अर्पित कर सकते हैं।

डा. मंगल सैन जी राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति के सजग प्रहरी और राजनीति के भीष्म पितामह थे। वह जन नेता थे। लोगों के दुखों को जानने और उनके सुख-दुख में शामिल होने के लिए वह स्कूटर पर ही निकल जाते थे। एक सामान्य गरीब परिवार में जन्म लेने और कई संकटों को पार कर उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की यात्रा जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरू की थी। यह उनके व्यक्तित्व का प्रभाव ही कहा जाएगा कि चौधरी देवीलाल की पार्टी के साथ समझौते के बाद हुए चुनाव में गठबंधन ने हरियाणा की 90 में से 85 सीट जीतकर सरकार बनाई और वह उस सरकार में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने। राज्य में यह दायित्व निभाने वाले वह पहले व्यक्ति थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ. मंगल सैन जी ने कई बड़े शिक्षण संस्थान स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। चाहे वह रोहतक का लालनाथ काॅलेज हो या मेडिकल काॅलेज, इन संस्थानों की स्थापना में उनका अहम योगदान रहा।

उन्होंने आजीवन अविवाहित रहते हुए समाज के उत्थान के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि डा. मंगल सैन रोहतक की जनता के मन में बस चुके थे। एक जन नेता के रूप में उन्होंने नौ में से सात बार चुनाव में जीत दर्ज की। वह दो बार भी बहुत ही मामूली अंतर से चुनाव जीतने से रह गये। उनका जीवन लोगों के लिए प्रेरणादायी रहा है।

दो दिसम्बर, 1990 की शाम को उनके निधन का दुखद समाचार मिला हरियाणा की जनता को मिला तो पूरा हरियाणा दुःख के सागर में डूब गया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘डाॅ. मंगल सैन राजनीतिक एवं सामाजिक नायक’ पुस्तक का विमोचन भी किया था तथा इसके साथ ही उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोष से डाॅ. मंगल सैन शोधपीठ के लिए 11लाख रुपये भी दिए ताकि उनके बारे में हर प्रकार की जानकारी एकत्र कर आम जन तक पहुँचाया जा सके।

डा. मंगल सेन जी का जीवन आंतरिक एवं बाहरी तौर पर राष्ट्र, समाज को समर्पित था। उनकी दूरगामी विचारधारा पर चलते हुए प्रदेश में भाजपा की लगातार दूसरी बार सरकार है। आज उनकी बदौलत हमें जनसेवा करने तथा समाज के अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति को सामाजिक और आर्थिक स्तर पर उठाने का अवसर मिला है, जिसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। भाजपा संगठन के हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य हैं कि डॉ. मंगल सेन जी की नीतियों अनुसार समाज को एकजुटता के सूत्र में पिरोते हुए जनसेवा करें तथा केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नीतियों का लाभ उपयुक्त व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। हमारा दायित्व बनता है कि हम एक इकाई के तौर पर अपनी भाजपा पार्टी को मजबूत करें, ताकि डा. मंगल सेन जी की विचारधारा को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सके। 

शत-शत नमन करूँ मैं आपको शेर - ऐ - हरियाणा....💐💐💐💐
🙏🙏
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