महाराजा सूरजमल जी की आगरा विजय


महाराजा सूरजमल जी की आगरा विजय
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महाराजा सूरजमल जी अजेय योद्धा रहे हैं ‌। उन्होंने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए मुगलों को कई बार परास्त किया, उन्होंने आगरा और दिल्ली को भी फतह किया था । लेकिन कुछ कुत्सित मानसिकता के साहित्यकारों की वजह से उनके महान पराक्रम को सही नहीं दर्शाया गया ।

12 जून 1761 की तारीख जाटों के गौरवशाली इतिहास में स्वर्णिम रूप में अंकित है। 12 जून 1761 को जाट सेना ने ब्रजेन्द्र बहादुर द्वारा महाराजा सूरजमल के आदेशानुसार मुगलो की दूसरी राजधानी आगरा के लाल किले के किलेदार फाजिल खान को आत्मसमर्पण के लिए बाध्य क़र दिया था l इस अभियान मे जाट सेना का नेतृत्व राजा बहादुर सिंह (वैर ) के द्वारा किया था l

महाराजा इस दौरान मथुरा में डेरा डाले रहे l आगरा शहर एवं लाल किले पर कब्जे के बाद महाराजा के द्वारा बक्शी मोहनराम को किले का किलेदार बनाया गया l              

आगरा का लाल किला फरवरी 1774 तक जाटों के कब्जे में रहा l आज ही के दिन महाराजा सूरजमल ने आगरा फतह किया था।

जय हो महाराजा सूरजमल जी की।
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