Posts

Showing posts from December, 2020

डॉ० विक्रम साराभाई

Image
डॉ० विक्रम साराभाई ~~~~~~~~~~ यदि भारत आज अंतरिक्ष-अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व में अपना विशेष स्थान प्राप्त कर, अपने विभिन्न अंतरिक्ष-कार्यक्रमों के बल पर शिक्षा, सूचना एंव संचार के क्षेत्र में विशेष प्रगति एंव सुविधाएं हासिल कर रहा है, तो इन सब में सर्वाधिक योगदान महान वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई का कहा जा सकता है | मौसम पूर्वानुमान एंव उपग्रह टेलीविजन प्रसारण में हमारे अंतरिक्ष उपग्रहों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है | डॉ साराभाई ने ही भारत में अंतरिक्ष-कार्यक्रमों की शुरुआत की थी, जिसके फलस्वरुप कई भारतीय उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े गए और सूचना एंव संचार के क्षेत्र में देश में अभूतपूर्व क्रांति का सूत्रपात हो सका | डॉ विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 को गुजरात के अहमदाबाद नामक शहर के एक समृद्ध परिवार में हुआ था | उनके पिता श्री अंबालाल साराभाई एक प्रसिद्ध व्यवसायी एंव उद्योगपति थे | उनकी माता श्रीमती सरला साराभाई एक शिक्षाविद थीं, जिनके निर्देशन में घर पर ही निर्मित स्कूल में डॉ विक्रम की प्रारंभिक शिक्षा हुई | उस स्कूल में हर विषय के योग्य एंव विद्वान शिक्षकों को ...

महाराजा सुहेलदेव जी

Image
महाराजा सुहेलदेव जी ~~~~~~~~~~~ ग्यारवी सदी के प्रारंभिक काल मे भारत मे एक घटना घटी जिसके नायक श्रावस्ती सम्राट वीर सुहलदेव राजभर थे ! राष्ट्रवादियों पर लिखा हुआ कोई भी साहित्य तब तक पूर्ण नहीं कहलाएगा जब तक उसमे राष्ट्रवीर श्रावस्ती सम्राट वीर सुहलदेव राजभर की वीर गाथा शामिल न हो ! कहानियों के अनुसार वह सुहलदेव, सकर्देव, सुहिर्दाध्वाज राय, सुहृद देव, सुह्रिदिल, सुसज, शहर्देव, सहर्देव, सुहाह्ल्देव, सुहिल्देव और सुहेलदेव जैसे कई नामों से जाने जाते है ! श्रावस्ती सम्राट वीर सुहलदेव राजभर का जन्म बसंत पंचमी सन् १००९ ई. मे हुआ था ! इनके पिता का नाम बिहारिमल एवं माता का नाम जयलक्ष्मी था ! सुहलदेव राजभर के तीन भाई और एक बहन थी बिहारिमल के संतानों का विवरण इस प्रकार है ! १. सुहलदेव २. रुद्र्मल ३. बागमल ४. सहारमल या भूराय्देव तथा पुत्री अंबे देवी ! सुहलदेवराजभर की शिक्षा-दीक्षा योग्य गुरुजनों के बिच संपन्न हुई ! अपने पिता बिहारिमल एवं राज्य के योग्य युद्ध कौशल विज्ञो की देखरेख मे सुहलदेवराजभर ने युद्ध कौशल, घुड़सवारी, आदि की शिक्षा ली ! सुहलदेव राजभर की बहुमुखी प्रतिभा एवं लोकप्...

अरुण जेटली जी

Image
अरुण जेटली ~~~~~~~ पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय अरुण जेटली जी की जयंती पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि । जनसंघ से शुरू हुआ था अरुण जेटली जी राजनैतिक सफ़र.. जानिये उनके बारे में वो बातें, जिससे शायद आप अनजान हों..... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ज्ञात हो कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते थे। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उनके पास वित्त जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय था तो वहीं उन्होंने रक्षा मंत्रालय का प्रभार भी संभाला था। उनकी गिनती प्रधानमंत्री के बाद दूसरे नंबर के नेताओं में राजनाथ सिंह के साथ होती थी। बतौर वित्त मंत्री जेटली ने आम बजट और रेल बजट को एकसाथ पेश करने की व्यवस्था लागू की। इतना ही नहीं, गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) को पूरे देश में लागू करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। बतौर वित्त मंत्री वो हमेशा कहते थे कि जिस तरह से बीमारी को जड़ से ठीक करने के लिए कई बार कड़वी दवा पीनी पड़ती है, ठीक वैसे ही देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए भी कड़वी दव...

शहीद उधम सिंह जी

Image
शहीद उधम सिंह जी ~~~~~~~~~~~ शहीद उधम सिंह Udham Singh एक राष्ट्रवादी भारतीय क्रन्तिकारी थे जिनका जन्म शेर सिंह के नाम से 26 दिसम्बर 1899 को सुनम, पटियाला, में हुआ था। उनके पिता का नाम टहल सिंह था और वे पास के एक गाँव उपल्ल रेलवे क्रासिंग के चौकीदार थे। सात वर्ष की आयु में उन्होंने अपने माता पिता को खो दिया जिसके कारण उन्होंने अपना बाद का जीवन अपने बड़े भाई मुक्ता सिंह के साथ 24 अक्टूबर 1907 से केंद्रीय खालसा अनाथालय Central Khalsa Orphanage में जीवन व्यतीत किया। दोनों भाईयों को सिख समुदाय के संस्कार मिले अनाथालय में जिसके कारण उनके नए नाम रखे गए। शेर सिंह का नाम रखा गया उधम सिंह और मुक्त सिंह का नाम रखा गया साधू सिंह। साल 1917 में उधम सिंह के बड़े भाई का देहांत हो गया और वे अकेले पड़ गए। उधम सिंह के क्रन्तिकारी जीवन की शुरुवात ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ उधम सिंह ने अनाथालय 1918 को अपनी मेट्रिक की पढाई के बाद छोड़ दिया। वो 13 अप्रैल 1919 को, उस जलिवाला बाग़ हत्याकांड के दिल दहका देने वाले बैसाखी के दिन में वहीँ मजूद थे। उसी समय General Reginald Edward Harry Dyer ने बाग़ के एक ...

अटल बिहारी वाजपेयी जी

Image
अटल बिहारी वाजपेयी ~~~~~~~~~~~~ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न। अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी थे। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक थे और १९६८ से १९७३ तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी...

भारत रत्न पण्डित मदन मोहन मालवीय जी

Image
भारत रत्न पण्डित मदन मोहन मालवीय ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे। आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था। मदन मोहन मालवीय की जीवनी :– ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे। 1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर माल...

राम प्रसाद 'बिस्मिल

Image
राम प्रसाद 'बिस्मिल'  ~~~~~~~~~~~~~ जीवन परिचय : ‍‍‍‍‍~~~~~~~~~ पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ किसी परिचय के मोहताज नहीं। उनके लिखे ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ जैसे अमर गीत ने हर भारतीय के दिल में जगह बनाई और अंग्रेज़ों से भारत की आज़ादी के लिए वो चिंगारी छेड़ी जिसने ज्वाला का रूप लेकर ब्रिटिश शासन के भवन को लाक्षागृह में परिवर्तित कर दिया। ब्रिटिश साम्राज्य को दहला देने वाले काकोरी काण्ड को रामप्रसाद बिस्मिल ने ही अंजाम दिया था। जन्म : ~~~ ज्येष्ठ शुक्ल 11 संवत् 1954 सन 1897 में पंडित मुरलीधर की धर्मपत्नी ने द्वितीय पुत्र को जन्म दिया। इस पुत्र का जन्म मैनपुरी में हुआ था। सम्भवत: वहाँ बालक का ननिहाल रहा हो। इस विषय में श्री व्यथित हृदय ने लिखा है- 'यहाँ यह बात बड़े आश्चर्य की मालूम होती है कि बिस्मिल के दादा और पिता ग्वालियर के निवासी थे। फिर भी उनका जन्म मैनपुरी में क्यों हुआ? हो सकता है कि मैनपुरी में बिस्मिल जी का ननिहाल रहा हो।' इस पुत्र से पूर्व एक पुत्र की मृत्यु हो जाने से माता-पिता का इसके प्रति चिन्तित रहना स्वाभाविक था। अत: बालक के जीवन की रक्षा के लिए जिसने ...

अमर शहीद अशफाक़उल्ला खान

Image
अमर शहीद अशफाक़उल्ला खान  ~~~~~~~~~~~~~~~~~ जीवन परिचय : ~~~~~~~~ अमर शहीद अशफाक़उल्ला खान (22 Oct 1900 -19 Dec 1927)  भारत माता के वीर सपूत थे जिन्होंने देश की आजादी के लिये हँसते –हँसते फांसी पर झूल गए। उनका पूरा नाम अशफाक़उल्ला खान वारसी ‘हसरत’ था। वे शाहजहांपुर के एक रईस खानदान से आते थे। बचपन से इन्हें खेलने, तैरने, घुड़सवारी और बन्दुक चलने में बहुत मजा आता था। इनका कद काठी मजबूत और बहुत सुन्दर था। बचपन से ही इनके मन देश के प्रति अनुराग था। देश की भलाई के लिये चल रहे आंदोलनों की कक्षा में वे बहुत रूचि से पढाई करते थे। धीरे धीरे उनमें क्रांतिकारी के भाव पैदा हुए। वे हर समय इस प्रयास में रहते थे कि किसी ऐसे व्यक्ति से भेंट हो जाय जो क्रांतिकारी दल का सदस्य हो। जब मैनपुरी केस के दौरान उन्हें यह पता चला कि राम प्रसाद बिस्मिल उन्हीं के शहर के हैं तो वे उनसे मिलने की कोशिश करने लगे। धीरे धीरे वे राम प्रसाद बिस्मिल के संपर्क में आये और बाद में उनके दल के भरोसेमंद साथी बन गए। इस तरह से वे क्रांतिकारी जीवन में आ गए। वे हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे। उनके लिये मंदि...

ठाकुर रोशन सिंह

Image
ठाकुर रोशन सिंह ~~~~~~~~~ ठाकुर रोशन सिंह (१८९२ - १९२७) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के एक क्रान्तिकारी थे। असहयोग आन्दोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुए गोली-काण्ड में सजा काटकर जैसे ही शान्तिपूर्ण जीवन बिताने घर वापस आये कि हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसियेशन में शामिल हो गये। यद्यपि ठाकुर साहब ने काकोरी काण्ड में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लिया था फिर भी आपके आकर्षक व रौबीले व्यक्तित्व को देखकर काकोरी काण्ड के सूत्रधार पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व उनके सहकारी अशफाक उल्ला खाँ के साथ १९ दिसम्बर १९२७ को फाँसी दे दी गयी। ये तीनों ही क्रान्तिकारी उत्तर प्रदेश के शहीदगढ़ कहे जाने वाले जनपद शाहजहाँपुर के रहने वाले थे। इनमें ठाकुर साहब आयु के लिहाज से सबसे बडे, अनुभवी, दक्ष व अचूक निशानेबाज थे। संक्षिप्त जीवन परिचय : ~~~~~~~~~~~~ कान्तिकारी ठाकुर रोशन सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जनपद में फतेहगंज से १० किलोमीटर दूर स्थित गाँव नबादा में २२ जनवरी १८९२ को हुआ था। आपकी माता जी का नाम कौशल्या देवी एवं पिता जी का ठाकुर जंगी सिंह था। पूरा परिवार आर्य समाज से अनुप्राणित...