वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी

वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी
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वो भारत की अनपढ़ पीढ़ी, ....
हम पढ़े लिखो से प्राकर्तिक रूप से महान थी .....

जो हम सबको बहुत डाँटती थी -
कहती थी ......

 “नल धीरे खोलो... पानी बदला लेता है!
अन्न नाली में न जाए, नाली का कीड़ा बनोगे !

          सुबह-सुबह तुलसी जी पर जल चढाओ, 
          बरगद पूजो, 
          पीपल पूजो, 
         आँवला पूजो,
         नीम की टहनी से मंजन करो !

      मुंडेर पर चिड़िया के लिए पानी रखा कि नहीं ? 

     हरी सब्जी के छिलके गाय के लिए अलग बाल्टी में डालो।

  अरे कांच टूट गया है। उसे अलग रखना। कूड़े की बाल्टी में ना डालना, कोई जानवर मुँह ना मार दे।

      .. ये हरे छिलके कूड़े में किसने डाले, कही भी जगह नहीं मिलेगी........

      वह पीढ़ी इतनी पढ़ी-लिखी नहीं थी फिर भी  पर्यावरण की चिंता करती थी,

मैं भी अपने बुजुर्गो की प्रथा निभाउंगी, 
अपने जीवन को सफल बनाऊंगी।

आप भी ऐसा ही कीजिए।

धन्यवाद।
🙏🙏
#VijetaMalikBJP

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