डॉ भीमराव आम्बेडकर जी के महान विचार


डॉ भीमराव आम्बेडकर जी के महान विचार
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी का जीवन और उनके महान विचार वाकई प्रेरणास्त्रोत हैं, वहीं अगर जो भी इस महामानव के सुविचारों को अपने जीवन में अमल कर ले तो न सिर्फ वह न सिर्फ अपने जीवन की असीम ऊंचाईयों तक पहुंच सकता है, बल्कि अपने जीवन में आने वाली हर कठिनाई का आसानी से सामना भी कर सकता है।

बाबा साहेब अम्बेडकर के सम्मान में हर साल 14अप्रैल को उनकी जंयती (Ambedkar Jayanti) भी बनाई जाती है, इसलिए आज मैं आपको बाबासाहेब अम्बेडकर जी के कुछ सर्वश्रेष्ठ और प्रेरणादायक विचारों को बता रही हूँ, इन विचारों की गहराई को अपने मन में उतारकर एक सफल जीवन जी सकते हैं।

महामानव डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी को दलितों के मसीहा के रुप में कौन नहीं जानता। डॉ भीमराव आम्बेडकर जी द्धारा समाज में किए गए अनगिनत कामों के बल पर उन्हें देश को एक सूत्र में बांधने वाले आधुनिक भारत के निर्माता और संविधान निर्माता जैसे नामों की संज्ञा दी गई।

बाबासाहेब आम्बेडकर जी एक महान और बेहद प्रभावशाली चरित्र वाले महापुरुष थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा करने और दलितों के उत्थान में समर्पित कर दिया।

वे अपने पूरे जीवनभर समाज में दलितों को उनका हक दिलवाने के लिए, महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाने के साथ समाज में फैली जातिगत असमानता एवं सतीप्रथा, बालविवाह, छूआछूत, मूर्तिपूजा और अंधविश्वास जैसी कुरोति को जड़ से खत्म करने के प्रयास में लगे रहे साथ ही उन्होंने समाज में शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया।

भीमराव आम्बेडकर जी एक महान समाजसुधारक ही नहीं बल्कि वे एक अच्छे लेखक और अर्थशास्त्री के ज्ञाता थे। इसके अलावा राष्ट्रीय नेता के रुप में भी उन्होंने अपना पहचान बनाई थी।

आपको बता दें कि उन्हें दलित होना की वजह से अपने बचपन में काफी संघर्षों को झेलना पड़ा था, जिसके चलते उनके अंदर पूरे दलित वर्ग की स्थिति को समाज में सुधारने की भावना पैदा हुई और आज उनके सफल प्रयासों के बल पर ही दलित वर्ग की स्थिति समाज में काफी सुधरी है और तो और आज कई दलित नेता और अधिकारी उच्च पदों पर आसीन है, दलित वर्ग के उत्थान के लिए उनके द्धारा किए गए काम करने को लेकर ही आम्बेडकर जी मसीहा के रुप में पहचाने जाना लगा।

वहीं आज भी आम्बेडकर जी के लिए समस्त देशवासियों के ह्रदय में अपार सम्मान है। आम्बेडकर जी के इन सर्वश्रेष्ठ विचारों को पढ़कर आपके मन में भी अपने जीवन के प्रति सकारात्मक भावना का संचार होगा साथ ही अपने जीवन के लक्ष्यों को पाने में मदद मिलेगी।

उनके कुछ महान विचार :
~~~~~~~~~~~~~

“समानता एक कल्पना हो सकती हैं, लेकिन फिर इसे एक गवर्निंग सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना होगा।”

“मै किसी भी समुदाय की प्रगति को, महिलाओं ने जो प्रगति हासिल की है, उससे मापता हूं।”

“पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के समान होना चाहिए।”

“हिन्दू धर्म में स्वतंत्र सोच, विवेक और कारण के विकास के लिए बिल्कुल भी गुंजाइश नहीं है।”

“जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता पूर्ण रुप से हासिल नहीं कर लेते, तब तक कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी भी काम की नहीं है।”

“राजनीतिक अत्याचार, सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है, और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी है।”

“एक सुरक्षित से एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।”

“अगर हम वास्तव में एक एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना बेहद आवश्यक है।”

“हम सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं।”

“हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि ‘एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता’ को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार कर लेना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।”

“दिमाग का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”

“इतिहास ग्वाह है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच मुकाबला होता है, वहां जीत हमेशा ही अर्थशास्त्र की होती है। वहीं अपने निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो।”

“जो कौम अपना इतिहास तक नही जानती है, ऐसी कौम कभी भी अपना इतिहास नहीं बना सकती हैं।”

“क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।”

“अगर गुलाम बनकर जिओगे, तो कुत्ता समझकर तुम पर लात मारेगी यह दुनिया और अगर नवाब बनकर जिओगे तो शेर समझ कर सलाम ठोकेगी।”

“मनुष्य का जीवन पूरी तरह स्वतंत्र है, इंसान समाज के विकास के लिए ही नहीं, बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है।”

आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं, वो स्वतंत्रता, समानता, और भाई -चारे को स्थापित करते हैं और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।

“एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए न्याय, सामाजिक अधिकारों और राजनीतिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बेहद जरुरी है।”

“किसी का भी स्वाद आसानी से बदला जा सकता है, लेकिन जहर को अमृत में कभी नहीं बदला जा सकता है।”

शत-शत नमन करूँ मैं आपको 💐💐💐
🙏🙏
#VijetaMalikBJP


Popular posts from this blog

वक्त आने पर बता देंगे तुझे ऐं आसमां

वीरांगना झलकारी बाई

मेजर शैतान सिंह भाटी जी