डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :
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भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता के चौदहवीं और आखिरी बच्चे थे।
डॉ. अम्बेडकर जी का मूल नाम अम्बावाडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव अम्बेडकर, जो उन्हें बहुत मानते थे, उन्होंने स्कूल रिकार्ड्स में उनका नाम अम्बावाडेकर से अम्बेडकर कर दिया।
बाबासाहेब मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दो साल तक प्रिंसिपल पद पर कार्यरत रहे।
डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी की शादी 1906 में 9 साल की रमाबाई से कर दी गई थी, वहीं 1908 में वे एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लेने वाले पहले दलित बच्चे बने।
डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर को 9 भाषाएं जानते थे उन्होनें 21 साल तक सभी धर्मों की पढ़ाई भी की थी।
डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के पास कुल 32 डिग्री थी। वो विदेश जाकर अर्थशास्त्र में PHD करने वाले पहले भारतीय भी बने। आपको बता दें कि नोबेल प्राइज जीतने वाले अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र में इन्हें अपना पिता मानते थे।
भीमराव अंबेडकर पेशे से वकील थे। वो 2 साल तक मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल भी बनें।
डॉ. बी. आर अम्बेडकर जी भारतीय संविधान की धारा 370, (जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है) के खिलाफ थे।
बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।
डॉ. अम्बेडकर ही एक मात्र भारतीय हैं जिनकी portrait लन्दन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है।
इंडियन फ्लैग में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय भी डॉ. अम्बेडकर को जाता है।
B R Ambedkar Labor Member of the Viceroy’s Executive Council के सदस्य थे और उन्ही की वजह से फैक्ट्रियों में कम से कम 12-14 घंटे काम करने का नियम बदल कर सिर्फ 8 घंटे कर दिया गया था ।
वो बाबासाहेब ही थे जिन्होंने महिला श्रमिकों के लिए सहायक Maternity Benefit for women Labor, Women Labor welfare fund, Women and Child, Labor Protection Act जैसे कानून बनाए।
बेहतर विकास के लिए 50 के दशक में ही बाबासाहेब ने मध्य प्रदेश और बिहार के विभाजन का प्रस्ताव रखा था, पर सन 2000 में जाकर ही इनका विभाजन कर छत्तीसगढ़ और झारखण्ड का गठन किया गया।
बाबासाहेब को किताबें पढने का बड़ा शौक था। माना जाता है कि उनकी पर्सनल लाइब्रेरी दुनिया की सबसे बड़ी व्यक्तिगत लाइब्रेरी थी, जिसमे 50 हज़ार से अधिक पुस्तकें थीं।
डॉ. अम्बेडकर बाद के सालों में डायबिटीज से बुरी तरह ग्रस्त थे।
1956 में अंबेडकर जी ने अपना धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपना लिया था वे हिन्दू धर्म की कुछ रीति-रिवाजों और जाति विभाजन के विरोधी थे।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 2 बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और दोनों बार वे हार गए थे, मगर देशवासियों का विश्वास हमेशा जीता। बाद में उन्हें राज्यसभा में नियुक्त किया गया, जिसके बाद उनकी मृत्यु तक वे इसके सदस्य रहे थे।
शत-शत नमन करूँ मैं आपको 💐💐💐
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#VijetaMalikBJP