राजीव दीक्षित
राजीव दीक्षित
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राजीव दीक्षित का जन्म 30 नवंबर 1967 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के नाह गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम राजीव राधाशम दीक्षित था। उन्होनें फिरोजाबाद जिले में गांव पी.डी. जैन इंटर कॉलेज में 12 वीं कक्षा तक शिक्षा ली। उसके बाद उन्होंने 1984 में के.के.एम. कालेज, जामूई, बिहार से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी.टेक की डिग्री के लिये दाखिला लिया।
लेकिन उनकी मातृभूमि के लिए उनके जुनून ने उन्हें “राष्ट्र धर्म” के कारण सेवारत भारतीय संस्कृति और स्वदेशी आंदोलन के लिए उन्होनें उसे बीच में ही छोड़ दीया। उन्होंने 1991 में आजादी बचाओ आंदोलन शुरू किया।
वह एक ब्रह्मचारी थे। 1999 में वह भारत स्वाभिमान ट्रस्ट में सचिव के रूप में काम कर रहे थे और पंतजलि योग पिठ हरिद्वार में बाबा रामदेव के साथ काम कर रहे थे। वह चंद्रशेखर आजाद, उधम सिंह और भगत सिंह जैसे भारतीय क्रांतिकारियों की विचारधाराओं से प्रभावित थे। जीवन में, उन्होंने महात्मा गांधी के शुरुआती कार्यों की सराहना की। उनका जीवन भी शराब और “गुटखा” उत्पादन, गाय-कोमलता और सामाजिक अन्यायों को रोकना जैसे कारणों के लिए समर्पित था।
योग गुरु बाबा रामदेव से मुलकात
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सन 1999 में राजीव दीक्षित Rajiv Dixit की मुलाक़ात योग गुरु स्वामी रामदेव से हुयी थी जो उस समय योग को देश में फ़ैलाने के लिए अग्रसर थे। अब स्वामी रामदेव से मुलकात के बाद उन्होंने भारत को स्वावलम्बी और स्वदेशी बनाने के लिए दस वर्षो तक अथक प्रयास किया था। दस वर्षो के बाद दोनों ने मिलकर 2009 में “भारत स्वाभिमान ” की स्थापना की थी। इस “भारत स्वाभिमान ” के राष्ट्रीय सचिव का पद राजीव दीक्षित को दिया गया। बाबा रामदेव भी राजीव जी के व्याख्यानों से इतने प्रेरित थे कि उन्होंने कई व्याख्यान अपने पातंजली योगपीठ में करवाए ताकि उनकी बात टीवी के माध्यम से पुरे देश की जनता तक पहुचे।
1 अप्रैल 2009 को भारत स्वाभिमान का उद्घाटन हुआ था जिसे आस्था टीवी चैनल पर सीधा प्रसारित किया गया था। यही से उनकी लोकप्रियता चरम सीमा पर पहुच गयी थी और देश के करोड़ो लोग उनके व्याख्यान सुनने लगे। उनके व्याख्यान इतनी सरल भाषा में होते थे जिनको समझना बड़ा आसान था। उनके व्याख्यानों से देश के लोगो को भारत का वास्तविक इतिहास और स्वदेशी की महता का पता चला था। उन्होंने इस भारत स्वाभिमान के तहत कई विदेशी कंपनियों का खुलासा किया था जो भारत को अनेक वर्षो से लुट रही है। उनको राजीनीतिक पार्टियों से भी आपत्ति थी और उन पर खुलकर प्रहार करते थे। इसी के साथ उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा पद्धति, देश के सविधान, कानून प्रणाली जैसे कई मुद्दों पर तथ्यों के साथ अपने व्याख्यान दिए थे।
भारत को स्वदेशी बनाने में उनका योगदान
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पिछले २० वर्षों में राजीव भाई ने भारतीय इतिहास से जो कुछ सीखा उसके बारे में लोगों को जाग्रत किया। अँगरेज़ भारत क्यों आये थे, उन्होंने हमें गुलाम क्यों बनाया, अंग्रेजों ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता, हमारी शिक्षा और उद्योगों को क्यों नष्ट किया, और किस तरह नष्ट किया। इस पर विस्तार से जानकारी दी ताकि हम पुनः गुलाम ना बन सकें। इन बीस वर्षों में राजीव भाई ने लगभग 12000 से अधिक व्याख्यान दिए जिनमें कुछ ही हमारे पास उपलब्ध हैं। आज भारत में लगभग 5000 से अधिक विदेशी कंपनियां व्यापार करके हमें लूट रही हैं। उनके खिलाफ स्वदेशी आन्दोलन की शुरुआत की। देश में सबसे पहली विस्तृत स्वदेशी-विदेशी वस्तुओं की सूची तैयार करके स्वदेशी अपनाने का आग्रह प्रस्तुत किया। 1991 में डंकल प्रस्तावों के खिलाफ घूम घूम कर जन जाग्रति की और रेलियाँ निकाली। कोका कोला और पेप्सी जैसे पेयों के खिलाफ अभियान चलाया और कानूनी कार्यवाही की।
1991-92 में राजस्थान के अलवर जिले में केडिया कंपनी के शराब कारखानों को बंद करवाने में भूमिका निभाई।
1995-96 में टिहरी बाँध के खिलाफ ऐतिहासिक मोर्चा और संघर्ष किया जहाँ भयंकर लाठीचार्ज में काफी चोटें आई। टिहरी पुलिस ने तो राजीव भाई को मारने की योजना भी बना ली थी।
राजीव दीक्षित के आंदोलन
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दीक्षित ने स्वर्देशी जनरल स्टोर की एक श्रृंखला खोलने के आंदोलन का समर्थन किया, जहां केवल भारतीय बनाये गए सामान बिक रहे हैं।
वह स्वदेशी में विश्वास करते थे उन्होंने स्वदेशी आंदोलन और आजादी बचाओ आंदोलन जैसे आंदोलनों की शुरुआत की और उनके प्रवक्ता बने। उन्होंने नई दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच के नेतृत्व में 70,000 से अधिक लोगों की रैली को संबोधित किया।
उन्होंने कलकत्ता में आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व भी उठाया जो विभिन्न संगठनों और प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा समर्थित और प्रचारित था और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के 1857 के युद्ध की 150 वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पूरे भारत में मनाया गया।
मृत्यु
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30 नवम्बर 2010 को एसा बताया गया की दीक्षित को अचानक दिल का दौरा पड़ने के बाद पहले भिलाई के सरकारी अस्पताल ले जाया गया उसके बाद अपोलो बी०एस०आर० अस्पताल में दाखिल कराया गया। उन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही थी लेकिन इसी दौरान स्थानीय डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, मगर उनकी मृत्यु आज भी एक राज हैं और उनके करीबी लोगों का मानना है कि उनका कत्ल हुआ था। डाक्टरों का कहना था कि उन्होंने ऍलोपैथिक इलाज से लगातार परहेज किया। चिकित्सकों का यह भी कहना था कि दीक्षित होम्योपैथिक दवाओं के लिये अड़े हुए थे। अस्पताल में कुछ दवाएँ और इलाज से वे कुछ समय के लिये बेहतर भी हो गये थे मगर रात में एक बार फिर उनको गम्भीर दौरा पड़ा जो उनके लिये घातक सिद्ध हुआ।
यह वार्ता निर्विवाद असत्य है क्योंकी उन्होंने अपनी बॉडी का कई बार चेकप करवाया था उन्हे कोई दिल की बीमारी थी ही नही और दिल के दौरे में कभी भी शरीर काला नीला नही होता। उन्हें धीमी गति से मारने वाली जहर दिया गया था।
मगर ये बात कभी प्रमाणित ना हो सकी।
*"राजीव दीक्षित जी का संक्षिप्त परिचय*"
~~~~~~~~~~~~~~~-~~~~~~
🔥 *आखिर कौन है राजीव दीक्षित* 🔥
क्या आप देश में क्रांति लाना चाहते हैं ??? क्या आप सम्पुर्ण व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते है ???
🔥 देश की सेवा करना चाहते है ??? देश को समृद्ध बनाना चाहते है ??? तो you tube पर Rajiv Dixit सर्च करे और उनके विचार और व्याख्यान सुने।
भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी के महानायक - राजीव दीक्षित जी 👇
कम से कम शब्दों में 🔥राजीव दीक्षित जी का परिच🔥
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राजीव दीक्षित एक भारतीय वक्ता थे। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन, आजादी बचाओ आंदोलन और विभिन्न अन्य कार्यों के माध्यम से राष्ट्रीय हित के विषयों पर जागरूकता फैलाने के लिए सामाजिक आंदोलनों शुरू किये थे। वो भारत स्वाभिमान आन्दोलन के संस्थापक और राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। राजीव दीक्षित भारतीयता के उपदेशक थे। उन्होंने भारतीय इतिहास, संविधान में मुद्दों और आर्थिक नीतियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम किया था। राजीव दीक्षित एक भारतीय वैज्ञानिक थे और बहुत कम लोगों को पता है कि वह एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी काम कर चुके है। एक वैज्ञानिक होने के नाते अगर वह चाहते तो अमेरिका या ब्रिटेन में बहुत अच्छी तरह से अपने जीवन का आनंद ले सकते थे लेकिन उन्होने अपने जीवन का बलिदान काले धन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लूट, भ्रष्टाचार, भारतीय वस्तुओं का लाभ और आयुर्वेद के लिए जागरूकता लाने के लिए दिया। उन्होने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ संघर्ष और भारतीय स्वतंत्रता की रक्षा करने में अपनी ज़िन्दगी के 20 साल लगा दिए।
🔥
मेरे आदर्श # श्री_राजीव_दीक्षितजी का परिचय कम से कम शब्दों में .......
1– जिसने इंडिया को भारत बनाया।
2– जिसने अन्ना हजारे को लोकपाल बिल के बारे में बताया।
3– जिसने कजरी की सच्चाई को सन् 2004 में ही बताया।
4– जिस मदर टेरेसा कौन थी, वो राजीव जी ने सन् 1998 में ही बता दी थी।
5– आज हम मैगी के जिन कारणों को लेकर रोना रो रहे है उसे राजीव जी ने सन् 2003 में ही बता दिया।
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राजीव दीक्षित का जन्म 30 नवंबर 1967 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के नाह गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम राजीव राधाशम दीक्षित था। उन्होनें फिरोजाबाद जिले में गांव पी.डी. जैन इंटर कॉलेज में 12 वीं कक्षा तक शिक्षा ली। उसके बाद उन्होंने 1984 में के.के.एम. कालेज, जामूई, बिहार से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी.टेक की डिग्री के लिये दाखिला लिया।
लेकिन उनकी मातृभूमि के लिए उनके जुनून ने उन्हें “राष्ट्र धर्म” के कारण सेवारत भारतीय संस्कृति और स्वदेशी आंदोलन के लिए उन्होनें उसे बीच में ही छोड़ दीया। उन्होंने 1991 में आजादी बचाओ आंदोलन शुरू किया।
वह एक ब्रह्मचारी थे। 1999 में वह भारत स्वाभिमान ट्रस्ट में सचिव के रूप में काम कर रहे थे और पंतजलि योग पिठ हरिद्वार में बाबा रामदेव के साथ काम कर रहे थे। वह चंद्रशेखर आजाद, उधम सिंह और भगत सिंह जैसे भारतीय क्रांतिकारियों की विचारधाराओं से प्रभावित थे। जीवन में, उन्होंने महात्मा गांधी के शुरुआती कार्यों की सराहना की। उनका जीवन भी शराब और “गुटखा” उत्पादन, गाय-कोमलता और सामाजिक अन्यायों को रोकना जैसे कारणों के लिए समर्पित था।
योग गुरु बाबा रामदेव से मुलकात
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सन 1999 में राजीव दीक्षित Rajiv Dixit की मुलाक़ात योग गुरु स्वामी रामदेव से हुयी थी जो उस समय योग को देश में फ़ैलाने के लिए अग्रसर थे। अब स्वामी रामदेव से मुलकात के बाद उन्होंने भारत को स्वावलम्बी और स्वदेशी बनाने के लिए दस वर्षो तक अथक प्रयास किया था। दस वर्षो के बाद दोनों ने मिलकर 2009 में “भारत स्वाभिमान ” की स्थापना की थी। इस “भारत स्वाभिमान ” के राष्ट्रीय सचिव का पद राजीव दीक्षित को दिया गया। बाबा रामदेव भी राजीव जी के व्याख्यानों से इतने प्रेरित थे कि उन्होंने कई व्याख्यान अपने पातंजली योगपीठ में करवाए ताकि उनकी बात टीवी के माध्यम से पुरे देश की जनता तक पहुचे।
1 अप्रैल 2009 को भारत स्वाभिमान का उद्घाटन हुआ था जिसे आस्था टीवी चैनल पर सीधा प्रसारित किया गया था। यही से उनकी लोकप्रियता चरम सीमा पर पहुच गयी थी और देश के करोड़ो लोग उनके व्याख्यान सुनने लगे। उनके व्याख्यान इतनी सरल भाषा में होते थे जिनको समझना बड़ा आसान था। उनके व्याख्यानों से देश के लोगो को भारत का वास्तविक इतिहास और स्वदेशी की महता का पता चला था। उन्होंने इस भारत स्वाभिमान के तहत कई विदेशी कंपनियों का खुलासा किया था जो भारत को अनेक वर्षो से लुट रही है। उनको राजीनीतिक पार्टियों से भी आपत्ति थी और उन पर खुलकर प्रहार करते थे। इसी के साथ उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा पद्धति, देश के सविधान, कानून प्रणाली जैसे कई मुद्दों पर तथ्यों के साथ अपने व्याख्यान दिए थे।
भारत को स्वदेशी बनाने में उनका योगदान
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पिछले २० वर्षों में राजीव भाई ने भारतीय इतिहास से जो कुछ सीखा उसके बारे में लोगों को जाग्रत किया। अँगरेज़ भारत क्यों आये थे, उन्होंने हमें गुलाम क्यों बनाया, अंग्रेजों ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता, हमारी शिक्षा और उद्योगों को क्यों नष्ट किया, और किस तरह नष्ट किया। इस पर विस्तार से जानकारी दी ताकि हम पुनः गुलाम ना बन सकें। इन बीस वर्षों में राजीव भाई ने लगभग 12000 से अधिक व्याख्यान दिए जिनमें कुछ ही हमारे पास उपलब्ध हैं। आज भारत में लगभग 5000 से अधिक विदेशी कंपनियां व्यापार करके हमें लूट रही हैं। उनके खिलाफ स्वदेशी आन्दोलन की शुरुआत की। देश में सबसे पहली विस्तृत स्वदेशी-विदेशी वस्तुओं की सूची तैयार करके स्वदेशी अपनाने का आग्रह प्रस्तुत किया। 1991 में डंकल प्रस्तावों के खिलाफ घूम घूम कर जन जाग्रति की और रेलियाँ निकाली। कोका कोला और पेप्सी जैसे पेयों के खिलाफ अभियान चलाया और कानूनी कार्यवाही की।
1991-92 में राजस्थान के अलवर जिले में केडिया कंपनी के शराब कारखानों को बंद करवाने में भूमिका निभाई।
1995-96 में टिहरी बाँध के खिलाफ ऐतिहासिक मोर्चा और संघर्ष किया जहाँ भयंकर लाठीचार्ज में काफी चोटें आई। टिहरी पुलिस ने तो राजीव भाई को मारने की योजना भी बना ली थी।
राजीव दीक्षित के आंदोलन
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दीक्षित ने स्वर्देशी जनरल स्टोर की एक श्रृंखला खोलने के आंदोलन का समर्थन किया, जहां केवल भारतीय बनाये गए सामान बिक रहे हैं।
वह स्वदेशी में विश्वास करते थे उन्होंने स्वदेशी आंदोलन और आजादी बचाओ आंदोलन जैसे आंदोलनों की शुरुआत की और उनके प्रवक्ता बने। उन्होंने नई दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच के नेतृत्व में 70,000 से अधिक लोगों की रैली को संबोधित किया।
उन्होंने कलकत्ता में आयोजित कार्यक्रम का नेतृत्व भी उठाया जो विभिन्न संगठनों और प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा समर्थित और प्रचारित था और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के 1857 के युद्ध की 150 वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पूरे भारत में मनाया गया।
मृत्यु
~~~
30 नवम्बर 2010 को एसा बताया गया की दीक्षित को अचानक दिल का दौरा पड़ने के बाद पहले भिलाई के सरकारी अस्पताल ले जाया गया उसके बाद अपोलो बी०एस०आर० अस्पताल में दाखिल कराया गया। उन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही थी लेकिन इसी दौरान स्थानीय डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, मगर उनकी मृत्यु आज भी एक राज हैं और उनके करीबी लोगों का मानना है कि उनका कत्ल हुआ था। डाक्टरों का कहना था कि उन्होंने ऍलोपैथिक इलाज से लगातार परहेज किया। चिकित्सकों का यह भी कहना था कि दीक्षित होम्योपैथिक दवाओं के लिये अड़े हुए थे। अस्पताल में कुछ दवाएँ और इलाज से वे कुछ समय के लिये बेहतर भी हो गये थे मगर रात में एक बार फिर उनको गम्भीर दौरा पड़ा जो उनके लिये घातक सिद्ध हुआ।
यह वार्ता निर्विवाद असत्य है क्योंकी उन्होंने अपनी बॉडी का कई बार चेकप करवाया था उन्हे कोई दिल की बीमारी थी ही नही और दिल के दौरे में कभी भी शरीर काला नीला नही होता। उन्हें धीमी गति से मारने वाली जहर दिया गया था।
मगर ये बात कभी प्रमाणित ना हो सकी।
*"राजीव दीक्षित जी का संक्षिप्त परिचय*"
~~~~~~~~~~~~~~~-~~~~~~
🔥 *आखिर कौन है राजीव दीक्षित* 🔥
क्या आप देश में क्रांति लाना चाहते हैं ??? क्या आप सम्पुर्ण व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते है ???
🔥 देश की सेवा करना चाहते है ??? देश को समृद्ध बनाना चाहते है ??? तो you tube पर Rajiv Dixit सर्च करे और उनके विचार और व्याख्यान सुने।
भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी के महानायक - राजीव दीक्षित जी 👇
कम से कम शब्दों में 🔥राजीव दीक्षित जी का परिच🔥
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राजीव दीक्षित एक भारतीय वक्ता थे। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन, आजादी बचाओ आंदोलन और विभिन्न अन्य कार्यों के माध्यम से राष्ट्रीय हित के विषयों पर जागरूकता फैलाने के लिए सामाजिक आंदोलनों शुरू किये थे। वो भारत स्वाभिमान आन्दोलन के संस्थापक और राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। राजीव दीक्षित भारतीयता के उपदेशक थे। उन्होंने भारतीय इतिहास, संविधान में मुद्दों और आर्थिक नीतियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम किया था। राजीव दीक्षित एक भारतीय वैज्ञानिक थे और बहुत कम लोगों को पता है कि वह एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी काम कर चुके है। एक वैज्ञानिक होने के नाते अगर वह चाहते तो अमेरिका या ब्रिटेन में बहुत अच्छी तरह से अपने जीवन का आनंद ले सकते थे लेकिन उन्होने अपने जीवन का बलिदान काले धन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लूट, भ्रष्टाचार, भारतीय वस्तुओं का लाभ और आयुर्वेद के लिए जागरूकता लाने के लिए दिया। उन्होने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ संघर्ष और भारतीय स्वतंत्रता की रक्षा करने में अपनी ज़िन्दगी के 20 साल लगा दिए।
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मेरे आदर्श # श्री_राजीव_दीक्षितजी का परिचय कम से कम शब्दों में .......
1– जिसने इंडिया को भारत बनाया।
2– जिसने अन्ना हजारे को लोकपाल बिल के बारे में बताया।
3– जिसने कजरी की सच्चाई को सन् 2004 में ही बताया।
4– जिस मदर टेरेसा कौन थी, वो राजीव जी ने सन् 1998 में ही बता दी थी।
5– आज हम मैगी के जिन कारणों को लेकर रोना रो रहे है उसे राजीव जी ने सन् 2003 में ही बता दिया।
6– जिसने पंडित नेहरु को मौलाना नेहरु बता दिया। और उसका पूरी तरह से फर्दाफास किया।
7– जिसने अमेरिका में हुए 9/11 हमले को विश्व में पहली बार बताया कि वो हमला अमेरिका ने खुद ही कराया है।
8– जिसने हमे Right to Recall और जनमत संग्रह बताया।
9– जिसने सबसे पहले काला धन की सचाई बताकर सुप्रीम कोर्ट को भी सख्ते में ला दिया। सुप्रीम कोर्ट को मुकदमें की सच्चाई की जाँच करने में 6 महीने लग गये कि इतनी सटीक जानकारी कहाँ से आई।
10– जिसने लाल बहादुर शास्त्री जी के मौत की सच्चाई बता दी।
11– राहुल गांधी को ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त है इसे सन् 2000 में ही पूरा बता दिया था।
12– जिसने कोर्ट में गौ–हत्या का मुकदमा लड़ा। जो आज भी सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा मुकदमा है।
13– जिसने पुरे Bollywood को अकेले ही चैलेंज किया।
14– जिनके मुकदमे का जज उनका कायल होकर नौकरी छोड़ गया।
15– इनके कारण 1000 से ज्यादा डॉक्टर ने अपनी नौकरी त्याग दी।
16– जिनका साथ देने के लिए बीजेपी व कुछ अन्य कुल 370 सांसद खड़े हो गए थे।
17– जिसने भारत के गुजरात को बिकने से बचाया। 18– जिसने राजस्थान को प्यासा होने से बचाया।
7– जिसने अमेरिका में हुए 9/11 हमले को विश्व में पहली बार बताया कि वो हमला अमेरिका ने खुद ही कराया है।
8– जिसने हमे Right to Recall और जनमत संग्रह बताया।
9– जिसने सबसे पहले काला धन की सचाई बताकर सुप्रीम कोर्ट को भी सख्ते में ला दिया। सुप्रीम कोर्ट को मुकदमें की सच्चाई की जाँच करने में 6 महीने लग गये कि इतनी सटीक जानकारी कहाँ से आई।
10– जिसने लाल बहादुर शास्त्री जी के मौत की सच्चाई बता दी।
11– राहुल गांधी को ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त है इसे सन् 2000 में ही पूरा बता दिया था।
12– जिसने कोर्ट में गौ–हत्या का मुकदमा लड़ा। जो आज भी सुप्रीम कोर्ट का सबसे बड़ा मुकदमा है।
13– जिसने पुरे Bollywood को अकेले ही चैलेंज किया।
14– जिनके मुकदमे का जज उनका कायल होकर नौकरी छोड़ गया।
15– इनके कारण 1000 से ज्यादा डॉक्टर ने अपनी नौकरी त्याग दी।
16– जिनका साथ देने के लिए बीजेपी व कुछ अन्य कुल 370 सांसद खड़े हो गए थे।
17– जिसने भारत के गुजरात को बिकने से बचाया। 18– जिसने राजस्थान को प्यासा होने से बचाया।
19– जिसको सुनकर Bollywood का अभिनेता धर्मेन्द्र भी कायल हो गया।
20– जिसके व्याख्यानो से पूरा अमेरिका हमेशा डरा करता था।
21– जिसके नाम से ब्रिटेन की संसद में बहस हो गई।
22– जिसने चाइना के कान खड़े कर दिए।
23– जिसने मनमोहन+कांग्रेस सरकार की पोल खोली।
24– जिसका आज तक कोई टीवी चैनल interview तो छोड़ो एक फोटो भी टीवी पर नही दिखा सका।
20– जिसके व्याख्यानो से पूरा अमेरिका हमेशा डरा करता था।
21– जिसके नाम से ब्रिटेन की संसद में बहस हो गई।
22– जिसने चाइना के कान खड़े कर दिए।
23– जिसने मनमोहन+कांग्रेस सरकार की पोल खोली।
24– जिसका आज तक कोई टीवी चैनल interview तो छोड़ो एक फोटो भी टीवी पर नही दिखा सका।
25– जिसने भारत में # वन्दे_मातरम् दुबारा बुलवा दिया।
26– जिसके दिमाग में भारत के पिछले 1500 वर्ष और विश्व के सभी देशो का 500 वर्ष का इतिहास मौखिक रूप से याद था, जिसके कारण उन्हें चलता-फिरता कंप्यूटर कहा जाता था।
27– जिसने भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वाले सभी शहीदों के बारे में अवगत कराया।
28– हमारे महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी राजीव दीक्षित जी के कार्यों से प्रभावित रहे।
राजीव दीक्षित जी के द्वारा किए गए कार्य को हम नही भूल सकते। 🙏 उनको शत: शत: नमन: 🙏
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#VijetaMalikBJP
26– जिसके दिमाग में भारत के पिछले 1500 वर्ष और विश्व के सभी देशो का 500 वर्ष का इतिहास मौखिक रूप से याद था, जिसके कारण उन्हें चलता-फिरता कंप्यूटर कहा जाता था।
27– जिसने भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वाले सभी शहीदों के बारे में अवगत कराया।
28– हमारे महान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी राजीव दीक्षित जी के कार्यों से प्रभावित रहे।
राजीव दीक्षित जी के द्वारा किए गए कार्य को हम नही भूल सकते। 🙏 उनको शत: शत: नमन: 🙏
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#VijetaMalikBJP