पूर्व वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली जी का निधन

भारत सरकार के पूर्व वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली जी का आज निधन हो गया।
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अरुण जेटली जी के जाने से भारतीय राजनीति में जो शून्य आया है, उसकी पूर्ति कभी नहीं हो सकती है। संसद के अंदर उनके प्रभावी भाषणो की गूँज, कठिन से कठिन समस्या के समय भी उनका मुस्कराता हुआ चेहरा सदैव हमारे साथ रहेगा। उनके विचार सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

आइये जानते हैं कुछ अरुण जेटली जी के बारे में
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भारतीय संसद के राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली एक अनुभवी राजनेता के साथ-साथ जाने-माने वकील भी थे। इनका जन्‍म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्‍ली के नारायणा विहार इलाके के मशहूर वकील महाराज किशन जेटली के घर हुआ।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा नई दिल्‍ली के सेंट जेवियर स्‍कूल में हुई। 1973 में इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्‍नातक की पढ़ाई पूरी की और लॉ की पढ़ाई करने के लिए 1977 में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में लॉ विभाग में दाखिला ले लिया।

वे पढा़ई के दौरान शिक्षण व अन्‍य कार्यक्रमों में भी भाग लेते रहे। 1974 में वे दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थी संघ के अध्‍यक्ष चुन लिए गए। इसी के साथ उनके राजनीतिक करियर की भी शुरुआत हो गई।

अरुण जेटली जी (28 दिसम्बर 1952 जन्म -- 24 अगस्त 2019 मृत्यु ) भारत के प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं राजनेता थे। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता एवं वे पूर्व वित्त मन्त्री थे। वे राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शासन में केन्द्रीय न्याय मन्त्री के साथ-साथ कई बड़े पदों पर आसीन थे।

अरुण जेटली
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भारत के वित्त मंत्री
कार्यकाल : 26 मई 2014 – 30 म‌ई 2019

भारत के रक्षा मंत्री
कार्यकाल : 26 मई 2014 - 9 नवम्बर 2014

विपक्ष नेता (राज्य सभा)
कार्यकाल : 2009 - 2014

जन्म : 28 दिसम्बर 1952 (आयु 66) नई दिल्ली
राजनैतिक पार्टी : भारतीय जनता पार्टी
आवास : नई दिल्ली
विद्या अर्जन : बी.कॉम. (आनर्स), एल एल.बी, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्‍वविद्यालय
व्यवसाय : राजनेता व पेशावरीय अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट
धर्म : हिन्दु

व्यक्तिगत जीवन
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अरुण जेतली का जन्म दिल्ली में महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर में हुआ।उनके पिता भी एक वकील थे। उन्होंने अपनी विद्यालयी शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली से 1957-69 में पूर्ण की। उन्होंने अपनी 1973 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली से कॉमर्समें स्नातक की। उन्होंने 1977 में दिल्ली विश्‍वविद्यालय के विधि संकाय से विधि की डिग्री प्राप्त की। छात्र के रूप में अपने कैरियर के दौरान, उन्होंने अकादमिक और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त गतिविधियों दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के विभिन्न सम्मानों को प्राप्त किया हैं। वो 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी रहे।

अरुण जेटली ने 24 मई 1982 को संगीता जेटली से विवाह किया। उनके दो बच्चे, पुत्र रोहन और पुत्री सोनाली हैं।

राजनीतिक करीयर
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जेटली 1991 से भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे। वह 1999 के आम चुनाव से पहले की अवधि के दौरान भाजपा के प्रवक्ता बन गए।

वाजपेयी सरकार
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1999 में, भाजपा की वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद, उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी नियुक्त किया गया। विश्व व्यापार संगठन के शासन के तहत विनिवेश की नीति को प्रभावी करने के लिए पहली बार एक नया मंत्रालय बनाया गया। उन्होंने 23 जुलाई 2000 को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला।

उन्हें नवम्बर 2000 में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था और एक साथ कानून, न्याय और कंपनी मामलों और जहाजरानी मंत्री बनाया गया था। भूतल परिवहन मंत्रालय के विभाजन के बाद वह नौवहन मंत्री थे। उन्होंने 1 जुलाई 2001 से केंद्रीय मंत्री, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री के रूप में 1 जुलाई 2002 को नौवहन के कार्यालय को भाजपा और उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में शामिल किया। उन्होंने जनवरी 2003 तक इस क्षमता में काम किया। उन्होंने 29 जनवरी 2003 को केंद्रीय मंत्रिमंडल को वाणिज्य और उद्योग और कानून और न्याय मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया। मई 2004 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हार के साथ, जेटली एक महासचिव के रूप में भाजपा की सेवा करने के लिए वापस आ गए, और अपने कानूनी कैरियर में वापस आ गए।

उन्हें 3 जून 2009 को एल.के.आडवाणी द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था। 16 जून 2009 को उन्होंने अपनी पार्टी के वन मैन वन पोस्ट सिद्धांत के अनुसार भाजपा के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। वह पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी रहे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में, उन्होंने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक की बातचीत के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जन लोकपाल विधेयक के लिए अन्ना हजारे का समर्थन किया। उन्होंने 2002 में 2026 तक संसदीय सीटों को मुक्त करने के लिए भारत के संविधान में अस्सी-चौथा संशोधन सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया और 2004 में भारत के संविधान में नब्बेवें संशोधन ने दोषों को दंडित किया। हालाँकि, 1980 से पार्टी में होने के कारण उन्होंने 2014 तक कभी कोई सीधा चुनाव नहीं लड़ा। 2014 के आम चुनाव में वह लोकसभा सीट पर अमृतसर सीट के लिए भाजपा के उम्मीदवार थे (नवजोत सिंह सिद्धू की जगह), लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार से हार गए। वह गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे। उन्हें मार्च 2018 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए फिर से चुना गया।

मोदी सरकार
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26 मई 2014 को, जेटली को नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वित्त मंत्री के रूप में चुना गया (जिसमें उनके मंत्रिमंडल में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और रक्षा मंत्री शामिल हैं)।

नवंबर 2015 में, जेटली ने कहा कि विवाह और तलाक को नियंत्रित करने वाले व्यक्तिगत कानून मौलिक अधिकारों के अधीन होने चाहिए, क्योंकि संवैधानिक रूप से गारंटीकृत अधिकार सर्वोच्च हैं। उन्होंने सितंबर 2016 में आय घोषणा योजना की घोषणा की।

भारत के वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, सरकार ने 9 नवंबर, 2016 से भ्रष्टाचार, काले धन, नकली मुद्रा और आतंकवाद पर अंकुश लगाने के इरादे से 500 और 1000 के नोटों का विमुद्रीकरण किया।

20 जून, 2017 को उन्होंने पुष्टि की कि जीएसटी रोलआउट अच्छी तरह से और सही मायने में ट्रैक पर है।

और आज पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता अरुण जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। अस्पताल ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि जेटली ने दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। एम्स ने कहा कि हम बड़े दुख के साथ अरुण जेटली के निधन की जानकारी दे रहे हैं कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने 24 अगस्त को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें 9 अगस्त दोपहर सवा 12 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उनके स्वास्थ्य का हाल जानने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला एम्स पहुंचे थे। वर्ष 2018 में जेटली के किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ था।

जेटली के फेफड़ों में पानी जमा हो रहा था, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही था। यही वजह है कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। उन्हें सॉफ्ट टिशू सरकोमा था, जो एक प्रकार का कैंसर होता है। जेटली के निधन की खबर सुनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हैदराबाद दौरे को खत्म कर दिया और उन्होंने हैदराबाद से दिल्ली पहुँच कर इस महान आत्मा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश के वित्त मंत्री थे। 2019 में उन्होंने खुद को चुनाव से अलग कर लिया और दोबारा मोदी सरकार बनने पर भी खुद को मंत्री पद से दूर रखा। जेटली ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए खुद को अलग रखा।

2018 में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था जिसके बाद से वे लगातार स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहते थे। 2019 में उन्होंने मोदी सरकार2 में शामिल होने से असमर्थता व्यक्त की थी। उन्होंने एक चिट्ठी भी लिखी थी। अपने पत्र में जेटली ने लिखा था ‘मुझे अपने लिए, अपने इलाज के लिए और अपनी सेहत के लिए कुछ वक्त चाहिए।’ जेटली ने यह भी लिखा कि ‘मेरे पास इस दौरान निश्चित तौर पर काफी समय होगा जिसमें मैं सरकार और पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा। मगर ऐसा ना हो सका और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया और दिल्ली एम्स अस्पताल में ली उन्होंने अपनी अंतिम सांस ....

मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि वह अरुण जेटली जी की दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और शोक संतृप्त परिवार को यह वियोग सहन करने की शक्ति दे। शत शत नमन करूँ मैं आपको ....

ॐ शांति शांति शांति ॐ

...... विजेता मलिक

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