मनोहर पर्रिकर जी

मनोहर पर्रीकर जी
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मनोहर पर्रीकर का पूरा नाम 'मनोहर गोपालकृष्‍ण प्रभु पर्रीकर' है। इनका जन्‍म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ। उन्‍होंने अपने स्‍कूल की शिक्षा मारगाव में पूरी की। इसके बाद आई.आई.टी. मुम्बई से इंजीनियरिंग और 1978 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। पर्रिकर के दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। अभिजात गोवा में ही अपना बिजनेस चलाते हैं तो बेटे उत्पल ने अमेरिका से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। पर्रिकर की पत्नी मेधा अब इस दुनिया में नहीं हैं। 2001 में उनकी पत्नी का कैंसर के चलते निधन हो गया था।

1978 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले मनोहर पर्रीकर का मुंबई की पढ़ाई से लेकर गोवा के मुख्यमंत्री और बाद में रक्षामंत्री तक का सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है, जिसे इन्होने ने बहुत ही समझदारी और सूझ-बूझ से पूरा किया.

मनोहर परिकर का राजनीतिक कैरियर 1994 में तब शुरू हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए, उसके बाद वह 24 अक्टूबर साल 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त हुए और 27 फरवरी 2002 तक मुख्यमंत्री के कार्य बखूबी संभाला.

वह 2002 में द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए मनोहर पारिकर भारत के रक्षा मंत्री रह चुके हैं और रक्षामंत्री के रूप में इनका छोटा सा कार्यकाल भी सबसे बेहतरीन माना जाता हैं. रक्षामंत्री रहते हुए सर्जिकल स्ट्राइक जैसा साहसिक निर्णय भी लेने का श्रेय भी इन्हें ही दिया जाता हैं.

मनोहर परिकर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में सांसद भी रह चुके हैं तथा यह भारत के किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने आईआईटी से स्नातक किया है. इन्हें साल 2001 में आईआईटी मुंबई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गई. यह पोस्ट लिखे जाने तक उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में अपना बहुमत भी गोवा विधानसभा में साबित कर लिया है.

बी.जे.पी. को गोआ की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को अकेले गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय मे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी उन्ही को जाता है। कई समाज सुधार योजनाओं जैसे दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना जो कि वृद्ध नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, साइबरएज योजना, सी.एम. रोजगार योजना इत्यादि में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है। उन्हें कई प्रतिष्ठित प्रतिभाओं जैसे डॉ॰ अनुपम सराफ तथा आर. सी. सिन्हा इत्यादि को सरकार में सलाहकार के तौर पर शामिल करने का श्रेय भी जाता है। प्लानिंग कमीशन ऑफ इन्डिया तथा इंडिया टुडे के द्वारा किय गए सर्वे़क्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोआ लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी श्री पारिकर को गोआ में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है।

जनवरी २९, २००५ को ४ बी.जे.पी. नेताओं के इस्तीफा देने के कारण उनकी सरकार अल्पमत में आ गयी। श्री पारिकर ने दावा किया कि वह अपना बहुमत साबित करेंगे तथा फरवरी २००५ में ऐसा हुआ भी. किंतु बाद मे किसी कारणवश उन्हें अपना पद खोना पड़ा। लगातार विवादों के पश्चात मार्च २००५ में गोआ में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया किंतु जून २००५ में विरोधी नेता प्रताप सिंह राणे गोआ के मुख्यमंत्री बना दिये गये।

मनोहर पर्रीकर जी का राजनीतिक करियर
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आइआइटी की पढ़ाई से गोवा के मुख्‍यमंत्री और रक्षा मंत्री तक का मनोहर पर्रीकर का सफर काफी रोचक रहा। उतार-चढ़ाव वाले इस सफर को पर्रीकर ने अब तक बड़ी समझदारी से पूरा किया है। इनका यह राजनीतिक सफर वर्ष 1994 में शुरु हुआ जब वे गोवा विधानसभा के विधायक चुने गए। 24 अक्‍टूबर 2000 में वे गोवा के मुख्‍यमंत्री नियुक्‍त हुए और 27 फरवरी 2002 तक अपने इस कार्यभार को संभाला। इसके बाद जून 2002 में वे दोबारा राज्‍य के लिए मुख्‍यमंत्री चुने गए।

29 जनवरी 2005 को उनकी सरकार अल्‍पमत मेंचली गयी। लेकिन मनोहर पर्रीकर ने बड़ी ही समझदारी से भाजपा के साथ 24 विधान सभा क्षेत्रों को जीत 2012 के विधानसभा चुनावों में वापसी की। वे 8 नवंबर 2014 तक गोवा के मुख्‍यमंत्री रहे। इसके बाद उन्‍होंने केंद्र में रक्षा मंत्री का एक महत्‍वपूर्ण पद हासिल किया।

व्यक्तित्व
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गोवा के  मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी केलिए मशहूर थे। गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं। जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं। पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक  कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई। उन्होंने तत्काल एक टैक्सीबुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे। जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने  उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते। तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि 'तूमुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।'  इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया।

पर्रिकर जी से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें
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बीजेपी द्वारा गोवा के बनाए गए पहले मुख्यमंत्री
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साल 1961 में भारत की सरकार ने पुर्तगालियों से गोवा को स्वतन्त्र करवाया था. वहीं साल 1987 में गोवा पूरी तरह से हमारे देश का एक प्रदेश घोषित कर दिया गया था.  जिसके बाद बीजेपी ने साल 2000 में पहली बार इस राज्य के विधान सभा चुनाव में अपनी विजय हासिल की थी. चुनाव जीतने के बाद पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया था. जिसके साथ ही पर्रिकर बीजेपी द्वारा गोवा के बनाए गए पहले मुख्यमंत्री बन गए थे. 

साधारण व्यक्ति की तरह रहन-सहन
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गोवा के मुख्यमंत्री होने के बाद भी पर्रिकर ने अपने रहन-सहन में जरा भी बदलाव नहीं किया. कहा जाता है कि वो अपने राज्य की विधान सभा खुद स्कूटर चलाकर जाया करते थे. इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपने घर को नहीं छोड़ा और सरकार द्वारा दिए गए घर में नहीं गए.

सोशल मीडिया पर सक्रिय
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पर्रिकर पहले ऐसे आईआईटी ग्रेजुएट हैं जो कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. पर्रिकर से पहले हमारे देश का ऐसा कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बना था, जिसके पास आईआईटी की डिग्री हो. इतना ही नहीं पर्रिकर सोशल मीडिया में भी काफी सक्रिय हैं और वो इस माध्यम से लोगों से जुड़े रहते हैं. 

पर्रिकर के मिले सम्मान एंव पुरस्कार –
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पर्रिकर को उनके कॉलेज यानी आईआईटी-मुंबई द्वारा सम्मानित किया जा चुका हैं. उन्हें उनके कॉलेज द्वारा ये सम्मान साल 2001 में दिया गया था. इतना ही नहीं साफ छवि वाले इस नेता को सीएनएन-आईबीएन ने भी राजनीति श्रेणी में पुरस्कार दिया था. पर्रिकर को ये सम्मान साल 2012 में दिया गया था।

मृत्यु
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आज मनोहर पर्रिकर जी का लंबी बीमारी के बाद 63 साल की उम्र में निधन हो गया है। मनोहर पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से पीड़ित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पर्रिकर ने निधन पर गहरा शोक जताया।
आज पीएम मोदी ने मनोहर पर्रिकर के निधन पर जताया शोक, कहा- वह एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे।

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जी का लंबी बीमारी के बाद 63 साल की उम्र में निधन हो गया है। मनोहर पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से पीड़ित थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi),रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) सहित कई नेताओं ने मनोहर पर्रिकर ने निधन पर शोक जताया है.

पीएम नरेन्द्र मोदी जी ने ट्वीट किया, 'मनोहर पर्रिकर के निधन से शोकाकुल हूं। मनोहर पर्रिकर एक अद्वितीय नेता थे। एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे। वह सभी की प्रशंसा करते थे। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को पीढियों तक याद किया जाएगा। उनके निधन से गहरा दुख हुआ. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।

Chowkidar Narendra Modi

✔@narendramodi

Shri Manohar Parrikar was an unparalleled leader.

A true patriot and exceptional administrator, he was admired by all. His impeccable service to the nation will be remembered by generations.

Deeply saddened by his demise. Condolences to his family and supporters.

Om Shanti.

Chowkidar Narendra Modi

✔@narendramodi

India will be eternally grateful to Shri Manohar Parrikar for his tenure as our Defence Minister. When he was RM, India witnessed a series of decisions that enhanced India’s security capacities, boosted indigenous defence production and bettered the lives of ex-servicemen.

पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने एक और ट्वीट कर लिखा, 'रक्षा मंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर जी के कार्यकाल के लिए देश हमेशा उनका आभारी रहेगा. उनके रक्षा मंत्री रहने के दौरान भारत ने कई ऐसे फ़ैसले देखे, जिससे देश की सुरक्षा क्षमता और मज़बूत हुई, स्वदेशी रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में वृद्धि हुई साथ ही पूर्व कर्मचारियों का जीवन और ख़ुशहाल हुआ।'

Chowkidar Rajnath Singh

✔@rajnathsingh

Deeply saddened and pained by the demise of my dear friend & Chief Minister of Goa, Shri Manohar Parrikar. He was known for his honesty, integrity and simplicity. He served the nation and the state of Goa with great diligence. My heartfelt condolences to his bereaved family.

ईश्वर मनोहर पर्रिकर जी की दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें और अपने चरणों मे जगह दे। शत-शत नमन करूँ मैं आपको ......

#MainBhiChowkidar
#EkPostNamoKNaam

...चौकीदार विजेता मलिक

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