बलात्कार का बलात्कार
बलात्कार का बलात्कार कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ दोस्तों, बलात्कार जैसी घिनोनी घटना की मैं, मेरे साथी मित्रगण, मेरा परिवार और मेरा समाज जितनी भी घोर से घोर, कडे से कड़े और कठोर से कठोर शब्दो मे हो सके, निंदा करते है। और भी बहुत से लोग बलात्कार और बलात्कारियों का विरोध करते हैं, मगर वो ना जाने कैसे इसमे धर्म व जाती ढूढ़ लेते हैं। बलात्कार बलात्कार होता हैं, फिर वो बलात्कार की शिकार लड़की चाहे किसी भी धर्म, जाती, पंथ, सम्प्रदाय से सम्बन्ध/ताल्लुक रखती हो। बलात्कार की शिकार हर लड़की को एक सी पीड़ा, एक सा मानसिक और शारीरिक कष्ट, एक सा अपमान महसूस होता हैं। ऐसी हर लड़की को एक सी मायूसी, एक सी लाचारी, एक सी बेबसी और एक सा ही तिरस्कार महसूस होता हैं। ये हर धर्म या हर समुदाय की लड़कियों में अलग-अलग नही होता हैं। फिर पता नही ये चन्द लोग किस लालच में बलात्कार को भी धर्म व समुदाय से जोड़ देते हैं। पता नही इसके पीछे इनका क्या स्वार्थ छिपा होता हैं। मैं इन छपे चित्रों की बात कर रही हूँ, ये लोग पता नही कौन से समाज से है, ये जिस भी समाज से है मैं उस समाज को कोई दोष नही देती हूँ। म...